Uttar-Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar-Pradesh) से डॉक्टर्स के लिए एक बड़ी खबर असामने आई है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को लेकर हाईकोर्ट की ओर से आदेश जारी किया गया है कि अगर मेडिकल कॉलेज का कोई भी डॉक्टर के अगर प्राइवेट प्रैक्टिस करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए कमेटी का गठन भी किया गया है। इस कमेटी का काम डॉक्टरों की जानकारी शासन को देना होगा।
चिकित्सा विभाग ने जारी किए निर्देश
प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाले सरकारी डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस आयुक्त, और सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि “अगर मेडिकल कॉलेज, राजकीय चिकित्सालय और जिला अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करते पाए गए, तो उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई के लिए शासन को अपनी रिपोर्ट भेजेगा।”
कमेटी में शामिल होंगे कई बड़े अधिकारी
इस कमेटी में पुलिस आयुक्त , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, पुरुष-महिला संयुक्त चिकित्सालय सदस्य शामिल होंगे। इसी के साथ जिला अधिकारी की नामित किए गए लोकल इंटेलीजेंस और मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी इस कमेटी में शामिल होंगे। बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को होनी है।