चंद्रयान-3 ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर दी है, जिससे पूरा देश गर्व से झूम उठा है. चंद्रयान-3 ने श्रीहरीकोटा के धवन रिसर्च सेंटर से चांद के दक्षिणी ध्रुव के लिए उड़ान भरी है. इसके सफल प्रक्षेपण के बाद अब पूरा भारत को इसके सफल लैंडिग का इंतजार है.
45 से 50 दिन के अंदर होगी लैंडिंग
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग 45 से 50 दिन के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर होगी, जिसके बाद यह 14 दिन तक चांद की सतह पर खोज करेगा. चंद्रयान-2 के तर्ज पर ही इसके लैंडर का नाम भी विक्रम ही रखा गया है. आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर इसका सफल प्रक्षेपण हुआ.
पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी
आज पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं, भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने अपना लोहा पूरे विश्व में मनवाया है, यूएस की स्पेस एजेंसी नासा की भी नजरें इस वक्त भारत में इस चंद्रयान-3 के लॉन्च पर टिकी हुई हैं. चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद भारत भी उन 4 देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जिन्होंने चांद की सतह पर रिसर्च के लिए अपने सैटेलाइट भेजें हैं.
चांद की दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान बनेगा
चंद्रयान-3 अगस्त के आखिरी हफ्ते में चांद की सतह तक पंहुचने का अनुमान लगाया जा रहा है, सतह पर इसकी स़ॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पंहुचने वाला पहला देश बन जाएगा.