Muzaffarnagar child slapping: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बीते 24 अगस्त को स्कूली बच्चे के साथ भेदभाव और आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवाने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, बच्चे के साथ ऐसा होना बहुत गलत है।
जस्टिस अभय एस ओक और पंकज मिथल की बेंच ने कहा कि धर्म के नाम पर एक बच्चे के साथ ऐसा होना बहुत गलत है। देश की टॉप कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार मामले की जांच की निगरानी के लिए 1 हफ्ते में किसी आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करें।
Muzaffarnagar child slapping: घटना के एक कथित वीडियो के बाद पिछले महीने सोशल मीडिया पर हंगामा मचने के बाद यह मामला सामने आया था और 25 अगस्त को मुजफ्फरनगर में शिक्षक के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी।
30 अक्टूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
इतना ही नहीं जजों ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि RTE एक्ट के प्रावधान यह स्पष्ट कहते हैं कि किसी बच्चे को जाति, धर्म या लिंग के आधार पर भेदभाव का सामना न करना पड़े। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।