नई दिल्ली : म्यांमार में कोविड-19 के प्रकोप की वजह से भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नौबत यहां तक पहुंच गई है कि लोगों को नालों से खाना ढूंढना पड़ रहा है। जिसकी वजह से वहां लोग सांप, चूहे और कीड़े-मकोड़े खाकर गुजारा करने पर मजबूर हो गए हैं।
म्यांमार में इस साल मार्च में कोरोना वायरस की पहली लहर आई थी जिसके कारण म्यांमार समेत पूरी दुनिया में लॉकडाउन लागू हो गया था। हालात सुधरने पर लॉकडाउन के नियमों में कुछ ढील दी गई तो संक्रमण फैलने की रफ्तार तेज हो गई। 36 वर्षीय मा सू की कहानी आपको इस भीषण मंजर की एक झलक दिखाती है।
मार्च में लागू हुए लॉकडाउन में उन्हें अपना स्टॉल बंद करना पड़ा। कमाई बंद हो जाने पर खाना खरीदने के लिए उन्होंने अपने गहनों और सोने को गिरवी रख दिया। लॉकडाउन के नियमों में छूट मिली तो उन्होंने अपना सलाद स्टॉल फिर खोल दिया।
सिंतबर में जब दूसरी बार लॉकडाउन लागू हुआ तो सरकार ने लोगों को घरों के भीतर रहने के आदेश दिए। इसके बाद मा सू को फिर से अपना स्टॉल बंद करना पड़ा। पैसों की तंगी की वजह से उन्हें अपने कपड़े और बर्तन तक बेच दिए।
लेकिन जब बेचने के लिए कुछ भी नहीं बचा तो वह अपने पति के साथ झुग्गियों के पास बहने वाले नाले में खाना ढूंढने पर मजबूर हो गईं। उनके पति निर्माण कार्यों में मजदूरी करते थे और वे दोनों यंगून के बाहरी इलाके में बसी झुग्गियों में रहते हैं। आखों से बहते आंसू के साथ मा सू कहती हैं कि लोग चूहे और सांप खाने को मजबूर हो गए हैं। कमाई बंद होने की वजह से लोग लाचार हो गए हैं।
दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी नेय मिन टुन ने कहा कि उनके क्षेत्र में 40 फीसदी लोगों को सहायता उपलब्ध कराई गई है।
क्षेत्र के सत्तारूढ़ पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधि मयात मिन थू ने कहा कि सरकारी सहायता और निजी दान वितरित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने माना कि सभी लोगों तक नहीं पहुंचा जा सकता है।
कोरोना संकट की छाया 8 नवंबर को होने वाले आम चुनाव पर पर भी पड़ती दिख रही है। हालांकि नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को अभी भी एक बड़े अंतर से जीत की उम्मीद है।
गरीब लोगों के लिए कोविड-19 महामारी से भूखों मरने की नौबत आ गई है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले परिवारों के लिए चूहों, सांप व कीड़े मकोड़ों को खाना सामान्य है।
दक्षिण एशिया में कोरोना वायरस के प्रकोप को झेलने वाले सबसे प्रभावित देशों में से एक म्यांमार है। 5.44 करोड़ की आबादी वाले देश में अब तक कुल 40 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं वहीं 21 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई।