NCERT Panel Approves ‘Bharat’ In Place of ‘India’: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद समय-समय पर अपनी किताबों में कुछ न कुछ बदलाव करता रहता है। कभी सिलेबस में कुछ ऐड किया जाता है तो कभी हटाया जाता है। इसी क्रम में एनसीईआरटी पैनल ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अब इनकी टेक्सटबुक्स में इंडिया’ की जगह ‘भारत’ पढ़ाया जाएगा। यानी हमारे देश के नाम को भारत न कहकर इंडिया कहा जाएगा। ये सिफारिश कुछ समय पहले हुई थी जिसे अब नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल काउंसिल एंड रिसर्च के पैनल ने स्वीकृति दे दी है।
ऐसे ही और भी बहुत से बदलाव एनसीईआरटी समय-समय पर करता रहा है जिससे कई बार इसे आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है। जानते हैं ऐसे ही कुछ बड़े बदलावों के बारे में जो सिलेबस में समय-समय पर किए गए और जिसने सुर्खियां बटोरी।
पहले भी हो चुके हैं कई बड़े बदलाव
साल 2022 में एनसीईआरटी ने बड़ा कदम उठाया था जब सिलेबस से 33 प्रतिशत हिस्से को हटा दिया गया था। इसे सिलेबस रेशनलाइजेशन कहा गया और इसके तहत गुजरात दंगे, मुगल कोर्ट, इमरजेंसी, कोल्ड वॉर, नक्सली आंदोलन जैसे विषयों को सिलेबस से हटा दिया गया था। एनसीईआरटी ने नेशनल क्यूरीकुलम फ्रेमवर्क को भी कई बार रिवाइज किया। ये बदलाव साल 1975, 1988, 2000 और 2005 में किए गए।
मुख्य हैं – जीएसटी, डिजिटल इंडिया,
एनसीईआरटी का कहना था कि जो हिस्से उन्होंने हटाए वे नई एजुकेशन पॉलिसी के साथ एलाइन होने के लिए हटाए.
पुराने हिस्से हटाकर (जिन्हें आउटडेटेड कहा गया), नये हिस्से जोड़े गए, जिनमें मुख्य हैं – जीएसटी, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आदि।
हिस्ट्री से मुगल अंपायर, सिविक्स से कोल्ड वॉर एरा, इंडियन पॉलिटिक्स से ‘राइज़ ऑफ पॉपुलर मूवमेंट्स’, ‘एरा ऑफ वन पार्टी डोमिनेंस’ जैसे चैप्टर्स को हटाया गया।
इसके अलावा भी कई विवादास्पद मुद्दे जैसे गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस पर बैन, नाथूराम गोडसे के बैकग्राउंड का रिफ्रेंस आदि देने वाले हिस्सों को हटाया गया। ये जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है।