नई दिल्ली : हिसार के नारनौंद में सरकार की नींद उड़ाने वाला फैसला लिया है। यहां खाप पंचायत के द्वारा किसान मजदूर महापंचायत में बिजली कर्मचारियों को बंधक बनाने का निर्णय लिया है।
दरासल किसानों की महापंचायत ने किसान आंदोलन के समर्थन में की गई थी। इस में इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला को सम्मानित किया गया था। उसमें फैसला लिया गया कि खाप पंचायत के क्षेत्र में जितने भी गांव है।उनमें कोई भी बिजली कर्मचारी आता है।उसको बंधक बना लिया जाएगा।
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तीन प्रस्ताव महापंचायत के
किसान महापंचायत में तीन प्रस्ताव लिये गए है। उसमें तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना, MSP पर कानून बनाना और किसानों के मुकदमे वापस लेने है। किसान अपने ट्रैक्टर पर सवार होकर तीन कृषि कानूनों को वापस कराने की मांग के लिए दिल्ली गए थे। केंद्र सरकार ने उनको भी बदनाम करने का काम किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादे किए थे कि प्रधानमंत्री बनते ही पहले किसानों के ऋण माफ कर देगे। दुसरी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे। तीसरी कृषि लागत से डेढ़ गुना फसल का मूल्य दिया जाएगा। लेकिन प्रधानमंत्री बनते हीअपने किए वादों से मुकर गए। किसानों को मारने के लिए तीनों काले कानून बना दिये।
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बिजली कर्मी बनेंगे बंधक
बाहराराखी खाप पंचायत के नेता राजकुमार राखी ने कहा कि हमारे क्षेत्र में आये दिन बिजली निगम द्वारा छापेमारी की जा रही है। उसके चलते किसानों पर भारी भरकम जुर्माना हो रहा है। उससे हमने फैसला लिया है कि यदि किसी भी गांव के अंदर बिजली कर्मचारी छापेमारी करेगा। वही उससे हम बंधक बना लेगे।उसको तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि उच्च अधिकारी आकर बिजली बिल माफ करने का आश्वासन नहीं देता है।