नई दिल्लीः Chhattisgarh: माता पिता अपने बच्चो को यह सोच कर स्कूल भेजते हैं की वे पढ़ लिख कर खूब तरक्की करेंगे। अच्छी नौकरी अच्छा काम करेंगे। बच्चों का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उनकी शिक्षा का स्तर क्या है। मां बाप तो बच्चों को स्कूल भेज देते हैं लेकिन कहीं, उनके भविष्य निर्माता उनके साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहे। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के सरकारी स्कूल का नजारा देख आप हैरान रह जाएंगे। यहां मास्टर जी ब्लैक बोर्ड पर बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा रहे हैं। लेकिन ऐसी अंग्रेजी किसी ने ना पढ़ी होगी।
तस्वीरों मे जरा ध्यान से देखिये ये बलरामपुर जिले के प्राइमरी स्कूल बचवारी पारा के गुरूजी हैं और गुरू जी बच्चो को अंग्रेजी में मदर, फादर और ब्रदर की स्पेलिंग याद करवा रहे हैं। हैरानी की बात ये है की गुरूजी को खुद ही स्पेलिंग का ज्ञान नहीं है। वहीं गुरूजी के ज्ञान में बॉडी पार्ट्स की स्पेलिंग भी कुछ इसी तरह से है।
इस तरह ये मासूम नौनिहाल अपना भविष्य कैसे गढ़ेंगे और कैसे आगे बढ़ेंगे ?
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कोविड काल में सबसे ज्यादा बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अब जो दो साल बाद अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया तो हाल कुछ ऐसे हैं। शायद मास्टर जी भी ज्यादा छुट्टियों के कारण पढ़ाई भूल गए। देश के लिए ये चिंता की बात है कि शिक्षा का जिम्मा ऐसे हाथों में है। सवाल तो ये भी है कि ऐसे शिक्षक की नियुक्ति आखिर हुई कैसे? जरा सोंचिये अगर ऐसे पढ़ेगा तो कैसे बढ़ेगा इंडिया।