INS Visakhapatnam: विशाखापत्तनम अपनी भूमिका और कार्यों को पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना की गतिशीलता, पहुंच और लचीलेपन को बढ़ाएगा।
जनतंत्र डेस्क: INS Visakhapatnam: भारतीय नौसेना के बेड़े में स्वदेशी गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर ‘INS विशाखापट्टनम’ भी शामिल हो गया है। इसी के साथ भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में और इजाफा हुआ है। रविवार को मुंबई डॉकयार्ड में INS विशाखापट्टनम को नौसेना में कमिशन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शीर्ष नौसैनिक कमांडरों के साथ स्वदेश निर्मित विशाखापट्टनम के प्रेरण समारोह में उपस्थित रहे।
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INS Visakhapatnam: हथियारों और सेंसर से लैस है INS विशाखापट्टनम
बता दें कि INS विशाखापट्टनम को भारतीय सेना के 35,000 करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट 15B के तहत बनाया गया है। पहली बार इसे 2015 में पानी में उतारा गया था। ये जहाज हथियारों और सेंसर से लैस है, जिसमें सुपरसोनिक सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मध्यम और कम दूरी की बंदूकें, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार सूट शामिल हैं। 164 मीटर लंबाई वाले वारशिप का सभी उपकरणों और हथियारों की तैनाती के बाद वजन 7,400 टन हो गया है।
INS Visakhapatnam: राजनाथ सिंह ने कही ये बात
इस मौके पर उपस्थित राजनाथ सिंह ने कहा कि, “आज, एमडीएसएल द्वारा निर्मित INS विशाखापट्टनम को सफलतापूर्वक नौसेना में शामिल किया गया है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले समय में, हम न केवल अपनी ज़रूरतों के लिए बल्कि पूरी दुनिया की ज़रूरतों के लिए भी जहाज निर्माण करेंगे। मुझे विश्वास है कि INS विशाखापट्टनम उनके नाम पर खरा उतरेगा और हमारी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा।”