जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने मौजूदा भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई है। रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे हैं’ और सरकार को अपने खर्च पर खास ध्यान देना होगा जिससे बड़ा घाटा न हो।
एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था और आगामी बजट को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, सरकार को कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था में K-शेप रिकवरी रोकने के लिए और कदम उठाने चाहिए। दरअसल, K-शेप रिकवरी ऐसी स्थिति है जहाँ टेक्नोलॉजी और दूसरी बड़ी कैपिटल फर्म, छोटे कारोबार और उद्योगों की अपेक्षा तेजी से रिकवर करते हैं।
मिडिल क्लास, छोटे और मझोले क्षेत्र की चिंता
इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा, उनकी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मझोले क्षेत्र और बच्चों को लेकर है। साथ ही छोटे और मझोले फर्मों को जिस तरीके का आर्थिक दबाव झेलना पड़ रहा है। इसे राजन ने ”काले धब्बे” के तौर पर बताया है।
इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे हैं। यहां ‘चमकीले धब्बे’ से राजन का मतलब ऐसे बड़े फर्मों से है जो तेजी से प्रगति कर रहे हैं। आईटी और आईटी से जुड़े क्षेत्र भी अच्छा कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में यूनिकॉर्न कंपनियां सामने आईं हैं और वित्तीय क्षेत्रों को इससे ताकत मिली है।
वहीं दूसरी तरफ़ ‘काले धब्बे’ से राजन का मतलब बढ़ती बेरोज़गारी और कम खरीद शक्ति से है। रघुराम राजन ने कहा, मेडिकल और आर्थिक गतिविधियों दोनों के लिहाज से ओमिक्रॉन झटका है। ऐसे में सरकार को K-शेप रिकवरी को लेकर आगाह किया है।
बजट पर बोले राजन
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट से पहले, राजन का कहना है कि वो ये एक विजन वाला दस्तावेज होता है। ऐसे में वे देश के लिए आगे के पांच या दस साल का दृष्टिकोण देखना पसंद करेंगे।
जब रघुराम राजन से पूछा गया कि, क्या सरकार को राजकोषीय सुधार करना चाहिए या प्रोत्साहन वाले उपाय जारी रखने चाहिए? इस पर राजन ने कहा, महामारी में आने तक भी भारत की राजकोषीय स्थिति अच्छी नहीं थी और यही वजह है कि वित्त मंत्री खुले हाथों से खर्च नहीं कर सकतीं। राजन ने ये भी कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहाँ अर्थव्यवस्था की हालत बिलकुल खस्ता है वहां सरकार को खर्च करना चाहिए।
महंगाई पर भी बोले
उन्होंने कहा, ”हमें खर्चों को ध्यान से लक्षित करना चाहिए ताकि भारी घाटा न हो जाए। ” राजन ने इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें बजट में टैरिफ़ में अधिक कटौती और टैरिफ में कम इजाफा और विशिष्ट उद्योगों को कम छूट या सब्सिडी देखकर खुशी होगी। महंगाई पर राजन कहते हैं कि दुनिया के हर देश में ये चिंता का विषय है इसलिए भारत भी इसका अपवाद नहीं हो सकता।