SANATAN VIVAD: सनातन मिटना जरूरी है।
देश में सनातन पर सियासी बहस थमने का नाम ही नहीं ले रही है। ये सिलसिला तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि से शुरू हुआ था। जिन्होंने सनातन की तुलना डेंगु-मलेरिया से की थी। इस पर केंद्रीय मंत्री गजेंन्द्र शेखावत ने पलटवार करते हुए सनातन विरोधियों की जुबान खींच लेने और आंखें निकाल लेने की धमकी तक दे डाली। तो वहीं, गोवा सीएम प्रमोद सावंत और भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी बयान दे डाले।
दरअसल, ये पूरा सियासी बवाल उदयनिधि के बयान से शुरू हुआ। उदयनिधि पिछले दिनों सनातन उन्मूलन सम्मेलन शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था, सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।
SANATAN VIVAD: सनातन की तुलना एचआईवी से।
उदयनिधि के बाद उनकी पार्टी के सांसद ए राजा उनसे भी एक कदम आगे निकले। उन्होंने कहा, सनातन पर उदयनिधि का रुख नरम था। उन्होंने कहा, सनातन धर्म की तुलना सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए। जबकि उदयनिधि ने सनातन की तुलना मलेरिया से की है। ए राजा ने कहा, सनातन की तुलना एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसे सामाजिक कलंक वाली बीमारियों से की जानी चाहिए।
SANATAN VIVAD: शेखावत, प्रज्ञा ठाकुर और प्रमोद सावंत ने साधा निशाना।
सनातन धर्म पर जारी बयानबाजी का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने सोमवार को राजस्थान में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे साहब कहते हैं ,कि मोदी जीत गया तो सनातन की ताकत बढ़ जाएगी। सनातन को कमजोर करने के लिए मोदी को हराना है। कांग्रेस के साथी डीएमके के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन सनातन को डेंगू, मलेरिया जैसा बताता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम का सांसद बेटा कहता है कि जितनी जल्दी हो, सनातन को खत्म किया जाए। दो साल टूजी घोटाले के कारण जेल में रहा इनका सहयोगी नेता ए.राजा सनातन का अपमान करता है। यह हम सबका और हमारे पूर्वजों का अपमान है, जिन्होंने सनातन को मिटाने के लिए आने वाली हर ताकत को मुंह तोड़ जवाब दिया था। इनको जवाब देना चाहिए या नहीं देना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा, सनातन के खिलाफ बोलने वालों की जुबान खींच ली जाएगी, इसके खिलाफ देखने वालों की आंखें निकाल ली जाएंगी।