Sikkim Floods: मंगलवार को देर रात में सिक्किम के ऊंचाई क्षेत्रों में बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में जल का स्तर अचानक बढ़ गया। जिसके कारण राज्य के कई इलाकों में भारी तबाही मची हुई है। बता दें कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर सामने आयी है। लगभग 30 लोग लापता हैं। जिनकी तलाश जारी है। राज्य में आई प्राकृतिक आपदा से खौफनाक मंजर बना हुआ है। 6 पुल बह गए हैं, सड़कें भी ढह गयी हैं और लोगों के घरों में पानी भी घुस गया है। राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। इस भीषण बाढ़ से काफी नुकसान के साथ साथ डर का माहौल भी है।
बयान किया गया जारी
“लाचेन घाटी में स्थित कुछ सैनिक प्रभावित हुए हैं। कम से कम 23 सैनिकों के लापता होने की खबर है और कुछ वाहनों के ढह जाने की खबर है। सिंगताम के पास बारडांग में खड़े वाहन बह गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम के तीन जिले – मंगन (उत्तरी सिक्किम), पाक्योंग और गंगटोक (पूर्वी सिक्किम) पर काफी असर पड़ा है। वहीं मंगन इलाके को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि तीस्ता नदी में जल स्तर कुछ घंटों के भीतर खतरे के निशान को पार करने की उम्मीद है। उत्तरी बंगाल और बांग्लादेश के कुछ जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है।”
क्या कहता है मौसम विभाग?
गंगटोक में भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय ने कहा कि, “अचानक आई बाढ़, बादल फटने के कारण नहीं हुई। बादल फटना तब होता है जब एक छोटे से क्षेत्र में एक घंटे के भीतर कम से कम 100 मिमी बारिश होती है। पिछले 24 घंटों में उत्तरी सिक्किम में अधिकतम 39 मिमी बारिश हुई। इसलिए, हम यह नहीं कह सकते कि यह बादल फटना था”
परेशान करने वाली खबर
अंकित कुमार अवस्थी का ट्वीट, “सिक्किम से एक परेशान करने वाली खबर, सेना के 23 जवान लापता। उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। अचानक आई इस बाढ़ के कारण सेना के 23 जवान लापता हो गए हैं। खोज एवं बचाव अभियान जारी है। ईश्वर से सभी की कुशलता के लिए प्रार्थना”
पश्चिम बंगाल से सटे इलाकों में भारी बारिश
इस बीच, झारखंड पर कम दबाव और संबंधित चक्रवाती परिसंचरण के कारण पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई। आईएमडी ने गुरुवार तक पूर्वी राज्य में बारिश की गतिविधि बढ़ने का अनुमान लगाया है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, भारी बारिश के कारण बीरभूम, बांकुरा, पश्चिम बर्दवान, पूर्वी बर्दवान, पश्चिम मिदनापुर, हुगली और हावड़ा सहित कम से कम सात जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
“बांकुरा जिले में 1000 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बांकुरा और पुरुलिया जिलों में कम से कम 35 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। तिरपाल, सूखा भोजन, पीने का पानी और दवाएँ जैसी राहत सामग्री तैयार रखी गई है। राज्य के आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, हम कड़ी नजर रख रहे हैं।