जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: अब तक के बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर आ गया है। मंगलवार को 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज के भुगतान में श्रीलंका ने डिफॉल्ट कर दिया है। इस तरह श्रीलंका, चीन और जापान के अरबों का कर्ज डूबता नजर आ रहा है।
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न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका ने इस स्थिति पर कहा है कि जरूरी चीजों के आयात के लिए विदेशी मुद्रा खत्म हो जाने के बाद यही ‘आखिरी उपाय’ रह गया था। आजादी के बाद से श्रीलंका अपने अब तक के सबसे बदतर हालात में हैं। खाने-पीने की चीजों का अकाल पड़ गया है और सब्जियों, ईंधन के दाम आसमान छू रहे हैं।
श्रीलंका में लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं। खुद को दिवालिया कह चुके श्रीलंका के लोगों के सामने संकट और गहरा गया है। ऐसे समय में श्रीलंका ने भारत और चीन आर्थिक सहायता की मांग की थी लेकिन दोनों ही देशों ने उसे इसके बदले जरूरी चीजें उधार में देने की पेशकश की थी।
श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार आपातकालीन उपाय के तौर पर ये आखिरी कदम उठा रही है ताकि देश की वित्तीय स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके। देश को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से बेलआउट पैकेज नहीं मिल पाया है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने पिछले साल श्रीलंका की रेटिंग इतनी कम कर दी थी कि उसकी वजह से श्रीलंका के लिए विदेशी पूंजी बाज़ार से उधार लेना लगभग नामुमकिन हो गया था। हालांकि IMF से बातचीत जारी रहेगी।
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