नई दिल्ली: शिक्षा की नगरी काशी से देश को हमेशा गंगा-जमुनी तहज़ीब का सन्देश दिया जाता रहा है। गुरु पूर्णिमा पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की महिलाओं ने अपने गुरु बाबा बालक दास की आरती उतार उनसे आशीर्वाद लिया। पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालक दास ने मुस्लिम महिलाओं को आशीर्वाद दिया
देश में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है ।काशी में कुछ मुस्लिम महिलाओं ने अपने गुरु बालक दास की आरती उतारी .जी हां ये महिलाएं मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदस्य हैं और गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु बालक दास की आरती उतार रही हैं । महिलाएं गंगा-जमुनी तहजीब को बताते हुए गुरु शिष्य परम्परा का निर्वहन कर रही हैं। गुरु बालक दास ने महिलाओं को आशीर्वाद दिया।
नहीं हैं जाति धर्म की बंदिशें
महिलाओं ने बताया कि गुरु शिष्य की परपंरा किसी जाति-धर्म की बंदिशे नहीं मानते। ये महिलाएं तीन साल से इस परम्परा का निर्वहन कर रहे हैं। गुरु पूर्णिमा का पर्व शिष्यों का बहुत बड़ा पर्व है। जो शिष्य देश-विदेश में रहते हैं। उन्हें आज के दिन यदि अपने गुरु के दर्शन मिलते हैं तो उनका पूरा साल सफलता के पूरा होता है। मुस्लिम महिलाओं के आशीर्वाद के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह मठ जगतगुरु रामंदाचार्य महाराज के पदचिन्हों पर चलने वाले स्वामी नरहरिदास का यह आश्रम है । स्वामी रामंदाचार्य महाराज ने मुगलों के शासन काल में राम भक्ति की धारा उन्होंने बहाई थी । तो आज यह पातालपुरी परिसर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी के लिए खुला रहता है ।
“गु” माने अन्धकार और “रू” माने प्रकाश यानी अन्धकार से प्रकाश की तरफ ले जाने वाले को गुरु कहते हैं और अंधकार में कोई नहीं रहना चाहता है । जहां एक तरफ मंदिर मस्जिद का विवाद हो रहा है । वहीं काशी में ये परंपरा हिंदू- मुस्लिम एकता की प्रतीक है।