Makar Sankrati Amrit Snan : महाकुंभ की भव्य शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है। लोहड़ी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में शाही स्नान किया। संगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड की चिंता किए बिना देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। विदेश से भी भक्त महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। आज मकर संक्रांति यानी खिचड़ी का पर्व पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। महापर्व मकर संक्रांति यानी खिचड़ी सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। लोग तड़के सुबह से ही पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
नागा साधुओं का ‘रहस्य लोक’ देखिए
➡️अद्भुत…अलौकिक…अकल्पनीय महाकुंभ #Mahakumbh #MahaKumbh2025 #PrayagrajMahakumbh #Jantantratv #JTV pic.twitter.com/1PdA6DIJs0
— Jantantra Tv (@JantantraTv) January 14, 2025
आज अमृत स्नान से हुई शुरुआत
महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 यानी मकर संक्रांति के अवसर पर किया जा रहा है। सबसे पहले नागा साधु पवित्र त्रिवेणी घाट में पवित्र डुबकी लगाई। इसके बाद बाकी अन्य भक्तों को डुबकी लगाने का मौके मिला। महाकुंभ का शुभारंभ होने से इस बार सनातनियों में मकर संक्रांति पर्व की महत्त्वता बढ़ गई है।
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देश-विदेश से महाकुंभ में शामिल हो रहे लोग
44 सालों के बाद लग रहे इस महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं। मानना है कि महाकुंभ में स्नान करने से पाप से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति भक्तों को होती है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दूसरे दिन अमृत स्नान के मौके पर जापान से आईं योगमाता केइको आइकावा भी पहुंची। उन्होंने कहा कि “मैं बहुत उत्साहित महसूस कर रही हूं। मैं सभी को आशीर्वाद देती हूं।”
स्वामी रामभद्राचार्य भी त्रिवेणी संगम पहुंचे
जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ में आज 12 बजे तक संगम में स्नान करने वालों की संख्या 1.60 करोड़ हो गई है। आज अमृत स्नान जारी है। इस दौरान जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पहुंचे हैं।
किन्नर अखाड़े ने किया अमृत स्नान
मकर संक्रांति के अवसर पर किन्नर अखाड़े के संतों ने अमृत स्नान किया। बता दें कि किन्नर अखाड़े के संत रथों पर सवार होकर संगम तट पर पहुंचे। इस दौरान किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि “आज हम संगम तीर्थ पर हैं। यह महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान है और हमें बहुत खुशी है कि हमें अमृत स्नान में भाग लेने का मौका मिला….”
महाकुंभ से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश
महाकुंभ के पहले दिन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’का संदेश दिया गया। जिसका अर्थ विश्व एक परिवार है। इसमें कई देशों, भारत के हर राज्य के लोगों ने एक साथ अमृत स्नान में भाग लिया। महाकुंभ का ये पर्व 45 दिनों तक चलने वाला है।