Union Budget 2025 : आज संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी, 2025 को पेश किया। इस बजट में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं, युवाओं, मिडिल क्लास, किसानों से जुड़ी कई योजनाओं के बारे में बात की। लेकिन विपक्ष को मोदी 3.0 का ये बजट बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा “देश महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, पर मोदी सरकार झूठी तारीफ बटोरने पर उतारू है।” इसके अलावा उन्होंने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर एक तंज भी कसा “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली!” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि “पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास से 54.18 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स लिया है। वहीं अब केंद्र बजट में 12 लाख तक की जो छूट दे रहें हैं।”
मल्लिकार्जुन खरगे का एक्स पोस्ट
“एक मुहावरा इस बजट पर बिलकुल सटीक बैठता है – नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली !
पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास से ₹54.18 लाख करोड़ का इनकम टैक्स वसूला है, और अब वह 12 लाख तक का जो छूट दे रहें हैं, उसके हिसाब से वित्त मंत्री खुद कह रहीं हैं कि साल में ₹80,000 की बचत होगी। यानि हर महीने मात्र ₹6,666 की ! पूरा देश महंगाई और बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहा है, पर मोदी सरकार झूठी तारीफ़े बटोरने पर उतारू है। इस “घोषणावीर” बजट में अपनी खामियां छिपाने के लिए “मेक इन इंडिया” को राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन बना दिया गया है। बाकी सारी घोषणाएं लगभग ऐसी हैं।
इस घोषणावीर बजट में अपनी खामियां छिपाने के लिए मेक इन इंडिया को नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मशीन बना दिया गया है। उन्होंने अन्य घोषणाओं का जिक्र भी किया।
युवाओं के लिए कुछ नहीं है।
- मोदी जी ने कल वादा किया था कि इस बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए वो बड़ा कदम उठाएंगे, पर बजट में कुछ ऐसा नहीं निकला।
- किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई roadmap नहीं; खेती के सामान पर GST दर में कोई रियायत नहीं दिया गया।
- दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, गरीब और अल्पसंख्यक बच्चों के स्वास्थ, शिक्षा, स्कॉलरशिप की कोई योजना नहीं ।
- Private Investment कैसे बढ़ाना है, उसके लिए कोई Reform का कदम नहीं है।
- Export और Tariff पर दो चार सतही बातें कहकर अपनी विफलताओं को छिपाया गया है।
- गरीब की आय को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है।
- लगातार गिरते consumption पर एक भी कदम नहीं उठाया गया है।
- असमान छूती महंगाई कि बावजूद MGNREGA का बजट वही का वही है। श्रमिकों को आय बढ़ाने के लिये कुछ नहीं किया गया।
- GST के Multiple Rates में कोई सुधार की बात नहीं की गई है।
- बेरोज़गारी को कम करने के लिए, नौकरियां बढ़ाने की कोई बात नहीं की गई।”