Waqf Ammendment Bill : वक्फ संशोधन बिल 2025 लोकसभा और राज्यसभा दोंनो सदनों से पास हो गया है। बिल के पास होने के बाद देश के कई हिस्सों में मुस्लिम समाज में नाराजगी देखने को मिल रही है। मुसलमान सड़को पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात समेत देश के तमाम राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच वक्फ एक्ट में बदलाव के खिलाफ शुक्रवार (4 अप्रैल, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल कर दी गई है।कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन बिल 2025 चुनौती दी है।
बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरे मुसलमान
कोलकाता के पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को तत्काल वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शनों के कारण सड़को पर भारी जाम लग गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वक्फ विधेयक पेश करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा है। साथ ही उस पर देश को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। संसद में विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों की ओर से कड़ी आपत्ति जताई है।
#BreakingNews | अहमदाबाद में वक्फ बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय का प्रदर्शन
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) April 4, 2025
गोपाल यादव ने बिल को बताया असंवैधानिक
वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “कोर्ट में जाना चाहिए, बिल असंवैधानिक है। हमने जो आशंका व्यक्त की थी कि ये लोगों की संपत्ति लेंगे, वैसा ही देखा गया कि राष्ट्रपति के बिना हस्ताक्षर के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आदेश कर दिया कि अवैध संपत्ति को जब्त कर लो। पूरा विपक्ष एक साथ रहा और आगे भी साथ रहेगा।”
शहाबुद्दीन रजवी ने किया बिल का सर्मथन
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि “वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पास होकर राज्यसभा से भी पास हो गया है। इसके लिए सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने इस बिल को मुस्लिमों के हित वाला बताया है।”
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
वक्फ संशोधन विधेयक को राज्यसभा में 95 के मुकाबले 128 मतों से पारित किया है। इससे पहले बुधवार देर रात इसे लोकसभा ने अपनी मंजूरी दे दी थी। बता दें कि, इस बिल के सर्मथन में 288 सदस्यों ने इसके समर्थन में और 232 ने इसके विरोध में मतदान किया। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।