जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: सीबीआई ने गुजरात की एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। भारतीय स्टेट बैंक ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। एबीजी शिपयार्ड कंपनी जहाज़ निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है।
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कंपनी के शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। इस कंपनी के कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के मुताबिक घोटाले का समय अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक बताया गया है। यह सीबीआई की ओर से दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है। कंपनी के चेयरमैन ऋषि अग्रवाल, एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर संथानम मुथुस्वामी और डायरेक्टर अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल और अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
सभी आरोपियों पर आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात के अलावा आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने 2019 में ही अगस्त में फिर से नई शिकायत दर्ज कराई थी। डेढ़ साल से ज्यादा समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई की।
28 बैंकों ने दिया था लोन
सीबीआई के अनुसार, एबीजी शिपयार्ड को एसबीआई के साथ-साथ 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। एफआईआर के मुताबिक फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि 2012-17 के बीच, आरोपियों ने मिलीभगत से पैसे की हेराफेरी सहित अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया। एफआईआर में कहा गया है कि जिन उद्देश्यों के लिए बैंकों ने फंड जारी किया था उसके अलावा अन्य कामों के लिए भी उसका इस्तेमाल हुआ है।