Ayodhya Case : अयोध्या में आखिरी दिन की सुनवाई पूरी, जानिए कोर्ट में क्या-क्या हुआ ?
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज 40 दिन तक चली Ayodhya Case में केस की अंतिम दिन सुनवाई पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि -बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। नवंबर में सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा। अयोध्या मामले में चल रहे राम मदिर पर कोर्ट में सुनवाई 5 बजे खत्म होनी थी, लेकिन 4 बजे ही खत्म कर दी गई।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों में तीखी नोंक-झोंक भी देखने को मिली। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा पेश किए गए नक्शे को फाड़ दिया। हालाँकि चार बजे सुनवाई ख़त्म होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सूना सकता है।
आज कोर्ट रूम में क्या-क्या हुआ ?
अयोध्या (Ayodhya) Case में सुनवाई की शुरुआत से ही तीखी दलीलें दी गई। मौका दिए जाने पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दलील देनी शुरू की गईं तो अदालत का माहौल गर्म था। हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से अदालत में किताब दी गई, जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने विकास सिंह की ओर से दिए गए नक्शे को भी फाड़ दिया। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सख्त ऐतराज जताया।
दोपहर ढाई बजे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की बहस शुरू हुई। उन्हें बोलने के लिए डेढ़ घंटे का वक्त मिला। राजीव धवन ने कहा कि धर्मदास ने केवल ये साबित किया कि वो पुजारी है न कि गुरू। इसके अलावा हिन्दू महासभा की तरफ से सरदार रविरंजन सिंह, दूसरी विकाश सिंह, तीसरा सतीजा और चौथा हरि शंकर जैन के सबूत दिए गए हैं।
लंच के बाद फिर से मामले की सुनवाई करने बैठी बेंच ने साफ किया कि केवल पीएन मिश्रा को सुना जाएगा। राजीव धवन ने कहा कि वो मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ के तहत बाबरी मस्जिद को फिर से बनाने की मांग कर रहे हैं। मस्जिद को दुबारा बनाने के अधिकार हैं, भले अभी वहां मस्जिद नहीं है लेकिन अभी भी ये जमीन वक्फ की है। हम बाबरी विध्वंस के पहले की स्थिति चाहते हैं।
राजीव धवन ने कहा कि इसका मतलब है महासभा 4 हिस्सों में बंट गया है। धवन ने कहा कि वो मस्जिद थी, हमारी थी। अब हमारे पास ही उसके पुनर्निर्माण का अधिकार है। इमारत भले ढहा दी गई हो, लेकिन जमीन का मालिकाना हक हमारा है। अब हम 1994 तक पीछे तो नहीं जा सकते। वहीँ सुनवाई एक घंटे पहले ही यानि शाम चार बजे ही खत्म हो गई।