G7 Summit 2025 News: कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी और नए कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच पहली औपचारिक मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों ने कई अहम मुद्दों के लेकर खुलकर बातचीत की। दोनों नेताओं ने राजधानियों में उच्चायुक्तों की बहाली पर सहमति जताई। उन्होंने आपसी सहयोग को काफी महत्वपुर्ण करार दिया है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और विदेशी दमन जैसे मुद्दों पर सहयोग को लेकर भी वादा किया गया है। पीएम मोदी ने इस बैठक को अहम बताया है, जबकि कार्नी ने इसे सम्मानजनक करार दिया है। इस मुलाकात ने राजनयिक गतिरोध को खत्म करने और विश्वास बहाली की दिशा में पहला मजबूत कदम साबित किया।
पीएम मोदी-कार्नी की अहम मुलाकात
दोनों देशों की इस मुलाकात ने आपसी तकनीकी, शिक्षा, कृषि और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने के लिए मंजूरी दी गई है। कार्नी ने खुद AI और एनर्जी सेक्टर में सहयोग की संभावना जताई है। इसके साथ ही खालिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर मदद की पेशकश की है। मार्क कार्नी का मोदी को जी7 के लिए आमंत्रित करना और खालिस्तान समर्थकों की आपत्ति को नजरअंदाज करना करना साफ तौर पर दिखाता है कि नई सरकार भारत को एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में देख रही है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि “भारत और कनाडा के संबंध कई प्रकार से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। भारत और कनाडा के संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों पर समर्पित है। वहीं कनाडाई पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का जी G7 में मेजबानी करना बहुत सम्मान की बात है। हम मिलकर ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा परिवर्तन, AI फ्यूचर अंतरराष्ट्रीय दमन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और दूसरे मुद्दों से निपटना चाहते हैं। हम मिलकर काम कर सकते हैं।”
गौरतलब हो कि कनाडा और भारत के रिश्ते सामान्य नहीं रहे हैं। 18 सितंबर 2023 को जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता के आरोप लगाए, तब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। अक्टूबर 2024 तक दोनों देशों में कोई उच्चायुक्त तैनात नहीं था। अब इस मुलाकात में यह अहम फैसला लिया गया है।