MahaKumbh 2025 News : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु हर रोज लाखों की संख्या में संगम पहुंच रहे हैं। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक हैरान कर देने वाला दावा किया है। सीपीसीबी ने अपनी एक रिपोर्ट सोमवार को पेश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “महाकुंभ के दौरान विभिन्न स्थानों पर जल गुणवत्ता के गुणवत्ता बेहद खराब है। यह संगम का पानी नाहने लायक नहीं है। इस जल में ‘फेकल कोलीफॉर्म’ 2,500 यूनिट प्रति 100 एमएल है।
इस मामले पर प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में अपशिष्ट जल के बहाव को रोकने को लेकर सुनवाई की। बेंच ने कहा कि “एक रिपोर्ट तीन फरवरी को दाखिल की गई थी। जिसमें कुछ उल्लंघनों की तरफ इशारा किया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नदी के पानी की गुणवत्ता स्नान करने लायक नहीं थी। इस पानी में ‘फेकल कोलीफॉर्म’ की मात्रा काफी ज्यादा थी। प्रयागराज के महाकुंभ के दौरान करोड़ों की संख्या में लोग स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। इससे अपशिष्ट जल की सांद्रता में वृद्धि होती है।
साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि “उत्तर-प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट दाखिल करने के एनजीटी के पूर्व के निर्देश का अनुपालन नहीं किया है। एनजीटी ने कहा कि यूपीपीसीबी ने केवल एक पत्र कुछ रिपोर्ट्स के साथ दाखिल किया है।” 28 जनवरी के पत्र के साथ रिपोर्ट्स की समीक्षा करने के बाद पता लगा कि विभिन्न स्थानों पर अपशिष्ट जल उच्च स्तर पर पाया गया है। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश राज्य के वकील को जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का समय दिया है।
बेंच ने कहा कि प्रयागराज में गंगा नदी में पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार संबंधित राज्य प्राधिकारी को 19 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में डिजिटल तरीके से उपस्थित होना होगा।