आगामी चुनावों के लिए बीजेपी पूरी तैयारी मे नजर आ रही हैं, वहीं एनडीए के दलों को भी साथ में लाने की पूरी तैयारी की जा रही हैं, जिसकी शुरुआत बिहार से होने वाली है, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नाड्ड द्वारा 18 जुलाई को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बैठक बुलाई गई हैं. जिसमें (हम) पार्टी से जीतनराम मांझी और एलजेपीआर से चिराग पासवान को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.काफी समय से इस बात की चर्चा चल रही है कि चिराग और मांझी एक बार फिर एनडीए में वापसी कर सकते है. उन्होंने बहुत बार बीजेपी को समर्थन दिया हैं.
बीते दिनों पटना के गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की चिराग पासवान से मुलाकात भी हुई थी. वहीं इस बैठक में एलजेपीआर के नेता भी शामिल थे, बैठक के बाद चिराग ने कहा की बीजेपी से गठवंधन की बात बहुत समय से चल रही है.
आपको बता दें की जीतन राम मांझी दलित समाज के नेता हैं. बिहार में 16 फिसदी दलित मतदाता है, और वही बिहार में 6 लोकसभा और 36 विधानसभा की सीटे दलित समुदाय के लिए सुरक्षित रखी गई है. जिनमे से 6 फीसदी वोटों पर चिराग पासवान ने अपना एकाधिकार स्थापित कर रखा है. इसलिए अगर यह दल एनडीए में शामिल हो जाते है तो यह बीजेपी के लिए बहुत जाता लाभकारी सबित होगा.
अकाली और TDP हो सकते है शामिल
जानकारी के मुताबिक, NDA द्वारा रखी गई इस बैठक में पंजाब से अकाली दल के नेता बादल और वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को भी बैठक में शामिल करने की बात की जा रही हैं, हालांकि अब तक इसकी पुष्टी नहीं हो पाईं हैं.
इसके साथ ही बिहार से उपेंद्र कुशवाहा और VIP पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को भी बैठक में बुलाए आशंका जताई जा रही हैं, उनके साथ ही उत्तर प्रदेश की सुभासपा पार्टी से ओपी राजभर को शामिल करने की बात की जा रही हैं.
ये पार्टियां एक बार फिर आ सकती हैं एनडीए के साथ
सूत्रों से पता चला है कि एनडीए की बैठक में चिराग, जीतन राम मांझी और उनके साथ मुकेश सहनी की VIP पार्टी को लेकर भी बात चल रही हैं की ये सभी नेता जल्द ही एनडीए में वापसी कर सकते है. वहीं चिराग, जीतन राम मांझी इससे पहले भी एनडीए के साथ रह चुके है.
मांझी ने आखिर क्यों छोड़ा अपना पद
(हम) पार्टी के नेता जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने 13 जून को अपना मंत्री पद छोड़ दिया था, उन्होंने यह आरोप लगाया था की नितीश कुमार उनकी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं और उन पर पार्टी के विलय का दबाव बना रहे थे, वहीं 19 जून को जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था और कयास यह लगाया जा रहे हैं कि जीतन राम जल्द ही एनडीए में दोबारा शामिल हो सकते हैं.
3: कुशवाहा और नितीश कुमार के बीच तकरार
कुशवाहा ने फरवरी में ही नितीश कुमार की जद्यू पार्टी को छ़ोड़ दिया था और इसके साथ उन्होनें एमएलसी के पद को भी छोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय लोक क्षमता पार्टी के नाम से अपनी खुद की एक अलग से पार्टी बना ली. 20 फरवरी को उपेंद्र कुशवाहा ने बीजापी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के मुलाकात की और वहीं कुशवाहा ने कहा कि समय आने पर देख लेंगे. इनकी नाराजगी की नीतीश ने कई वजह भी बताई.
कुशवाहा को नीतीश कुमार की पार्टी में कोई मंत्री पद नहीं मिला था. वही कैबिनेट के विस्तार के दौरान भी कुशवाहा की अनदेखी की गई थी. जिसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश पर जमकर टिप्पणी भी की थी. वहीं जब नीतीश कुमार ने आरजेड़ी संग मिलकर अपनी सरकार का गठन किया. जिसके बाद उन्होनें तेजस्वी यादव को ड़िप्टी सीएम का पद सौंप दिया. वहीं बताया जा रहा है कि नीतीश बिहार को तेजस्वी यादव के हवाले कर केंद्र की तैयारी कर रहे है. इन्हीं कारणों से कुशवाहा की नाराजगी बहुत ज्यादा बढ़ती गई