Anti Sikh Riot Case: कांग्रेस (Congress) नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के खिलाफ आज मंगलवार, 25 फरवरी को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे (Anti Sikh Riot) मामले में आज फैसला सुनाया गया है। कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि सज्जन कुमार दिल्ली कैंट मामले में पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
#BreakingNews | 1984 सिख दंगों को लेकर पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को मिली उम्रकैद की सजा
➡️ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनाई सजा #SajjanKumar #RouseAvenueCourt #1984SikhRiots #Trending #jantantratv pic.twitter.com/FXg4tUZ2jX
— Jantantra Tv (@JantantraTv) February 25, 2025
सज्जन कुमार ने सजा में रियायत की मांग की
कोर्ट के फैसला से पहले सज्जन कुमार ने सजा में रियायत की अपील की थी। उन्होंने कहा कि “इस मामले में फांसी की सजा देने का कोई आधार नहीं बनता है। मैं अब 80 साल का हो गया है। कई अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहा हूं। साल 2018 से जेल में सजा काट रहा हूं। अभी तक मुझे किसी भी तरह की कोई परोल नहीं मिली है।” उन्होंने आगे कहा, ”1984 के दंगों के बाद किसी आपराधिक मामले में शामिल नहीं रहा. जेल मेंमेरा व्यवहार हमेशा ठीक रहा। इसलिए मेरे सुधार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।”
सज्जन कुमार को मिलेगी सजा
बता दें कि दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में 1 नवंबर 1984 को दो सिख नागरिक जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। उनकी ह्त्या के बाद सिखों का नरसंहार हुआ था। इलाके में मौजूद सभी सिखों के घरों को आग में झोंक दिया गया था। इस मामले को लेकर बाद में पंजाबी बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद जस्टिस जी पी माथुर कमेटी के आदेश पर मामले में जांच की गई और साथ ही आरोप पत्र भी दाखिल किया गया। दाखिल किए गए 114 मामलों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी। ये मामले उन्हीं में से एक था।
क्यों हुए थे सिख विरोधी दंगे ?
सज्जन कुमार पर एसआईटी ने भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था। जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह ज़िंदा आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही उनके घर में मौजूद सभी सामान भी लूट लिए गए। इस दौरान कई लोगों को गंभीर चोट लग गई थी।
पीड़ित परिवार ने लगाई अदालत से गुहार
पीड़ितों की परिवार ने अदालत से इंसाफ की गुहार लगाई थी। उन्होंने कहा कि मामले पर अदालत ऐसा फैसला ले, जिसे पूरी दुनिया याद रखें। उस दौरान सिखों पर काफी ज्यादा अत्याचार किया गया था। टायर में आग लगाकर उसे लोगों के गले में टांग दिया गया था। बहुत सारे लोगों ने इस हिंसा में अपने परिवार को खो दिया था।