saSambhal Hinsa : संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर हुए सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में पुलिस जल्द ही अदालत में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। इस मामले में अब तक चार महिलाओं समेत 79 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस द्वारा सभी कानूनी पहलुओं को पूरा करने के बाद एक सप्ताह के भीतर आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया जा सकता है।
12 एफआईआर दर्ज, 750 अज्ञात आरोपी
हिंसा के बाद पुलिस ने मामले में सख्त कार्रवाई की। पूरे घटनाक्रम को लेकर कुल 12 एफआईआर दर्ज की गईं। 5 एफआईआर कोतवाली संभल में, 2 एफआईआर थाना नखासा में दर्ज की गईं। इनमें सांसद जियाउर्रहमान समेत 40 नामजद और 750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया। इसके अलावा,चार एफआईआर हत्या और एक एफआईआर जानलेवा हमले की दर्ज कराई गई थी।
चोर गिरोह का सरगना मुख्य साजिशकर्ता
इस हिंसा में अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सरगना शारिक साटा को भी मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल माना गया है। पुलिस उसकी भूमिका की भी जांच कर रही है।
90 दिन पूरे होने से पहले चार्जशीट की तैयारी
पुलिस ने अब तक 79 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मामले में चार्जशीट तैयार कर ली गई है, और एक्सपर्ट रिपोर्ट मिलने के बाद इसे अदालत में दाखिल कर दिया जाएगा। कानून के मुताबिक, 90 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल करना जरूरी होता है। मंगलवार को घटना के 87 दिन पूरे हो चुके थे, यानी अब केवल तीन दिन बाकी हैं। सूत्रों के अनुसार, पुलिस बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
आगे की कार्रवाई
- पुलिस अभी एक्सपर्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
- रिपोर्ट मिलते ही चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी जाएगी।
- पुलिस सभी आरोपियों की भूमिका और साक्ष्यों को पुख्ता कर रही है।
- हिंसा में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
संभल हिंसा मामले में पुलिस की जांच अंतिम दौर में है। अब देखना यह होगा कि अदालत में पेश होने वाली चार्जशीट में क्या नए खुलासे होते हैं और इस पर आगे क्या कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
कैसे भड़की हिंसा?
इस पूरे विवाद की शुरुआत 19 नवंबर 2024 को हुई थी, जब सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार की अदालत में शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया। इसी दिन अदालत ने मामले की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव की नियुक्ति कर दी। शाम को कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद का सर्वे किया, लेकिन जब 24 नवंबर की सुबह डीएम और एसपी की मौजूदगी में दोबारा सर्वे के लिए टीम पहुंची तो हिंसा भड़क गई। हालात इतने बेकाबू हो गए कि चार लोगों की मौत हो गई, और कई पुलिसकर्मी घायल हुए।