जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली। झानवापी मस्जिद का मुद्दा आज भी सुर्खियों में है। दरअसल शिवलिंग को लेकर अदालतों में कुछ याचिकाएं लगाई गई हैं। दरअसल गुरुवार को ज्ञानवापी से जुड़े ऐसे ही दो मामलों पर Supreme Court में सुनवाई की। इस दौरान इंतजामिया कमेटी की ओर से हुजैफा अहमदी ने कहा कि मसला ये है कि कमिश्नर की नियुक्ति सही नहीं थी। इस पर Supreme Court ने मस्जिद पक्ष से कहा है कि निचली कोर्ट का आदेश आने दीजिए।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कह रहे हैं कि कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश एकपक्षीय था। आपको सुना नहीं गया, लेकिन आपको बाद में सुना गया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालत में कार्यवाही अभी पूरी नहीं हुई है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि निचली अदालत ने ऑर्डर 7 रूल 11 को माना तो फिर आपके पक्ष में होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 7-11 स्पष्ट है और निचली अदालत में कार्यवाही जारी है।
वहीं कथित शिवलिंग की पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर भी Supreme Court में सुनवाई हुई। इस पर वकील हरि शंकर जैन ने कहा कि जब मस्जिद के भीतर शिवलिंग पाया गया है तो कार्बन डेटिंग कराई जाए और जिओलॉजिकल सर्वे कराया जाए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप अनुच्छेद 32 में आए हैं। जबकि निचली अदालत में मामला चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी है। वकील ने कहा कि वो सावन के महीने में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी मामला लंबित है। हम ऐसे में कैसे आपको सुनें। आप अपनी याचिका को वापस लें। सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में करेगा।