Waqf Amendment Act News: सुप्रीम कोर्ट आज यानी सोमवार को तय करेगा कि वक्फ संशोधन अधिनीयम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित किया जा सकता है या नहीं? याचिकाओं में कहा गया है कि इस कानून के प्रावधान वक्फ के इस्लाम से जुड़े पारंपरिक और ऐतिहासिक संबंध में दखल देते हैं। साथ ही, यह अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है, जो धार्मिक मामलों में स्वतंत्रता की गारंटी देता है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की अंतिम सुनवाई करेगी। CJI संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर होने वाले हैं, इसलिए उनके पास समय कम है।
सरकार ने मांगा था समय
याचिकाकर्ताओं की ओर से कई वकीलों और केंद्र सरकार को सुनने की आवश्यकता होगी, जिसने याचिकाओं के अंतरिम जवाब के रुप में 1300 से अधिक पृष्ठों का हलफनामा दायर किया है। बता दें कि इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ से कहा था कि “संसद की तरफ से उचित विचार-विमर्श के बाद पारित कानून पर सरकार का पक्ष सुने बिना रोक नहीं लगाई जानी चाहिए।”
#BreakingNews | वक्फ कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई |
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— Jantantra Tv (@JantantraTv) May 5, 2025
पक्ष मे सरकार ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून 2025 की जरुरत और औचित्य को स्षट किया। सरकार ने बताया कि वक्फ कानून में संशोधन उद्देश्य इसकी आड़ में हो रहे निजी और सरकारी संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है। नए अधिनियम के जरिए वक्फ बाय यूजर की व्यवस्था खत्म होने से मुस्लिम समुदाय का वक्फ करने का अधिकार नहीं छीना गया है, बल्कि कानून के दुरुपयोग पर लगाम लगाई गई है। साथ ही सरकार की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि इस कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
संजय कुमार निषाद का बयान
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुनवाई पर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय कुमार निषाद ने कहा, “जो निर्णय होगा वो स्वीकार होगा। हमको लगता है कि कोर्ट गरीबों के पक्ष में हैं, मुसलमानों को भी वक्फ बॉर्ड संसोधन से लाभ मिलेगा। मुझे लगता है कि कोर्ट का इस पर ध्यान आकृष्ट होगा।”