ED Summons To Arvind Kejriwal: आम आदमी के पार्टी की नेता आतिशी ने 31 अक्टूबर को दावा किया कि ऐसी आशंका है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद 2 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करेगा। बता दें कि मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी सिंह ने कहा, हमें जानकारी मिल रही है कि जब 2 नवंबर को अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश होंगे तो ईडी उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल देगी। बीजेपी और पीएम आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार किया जाएगा इसलिए नहीं कि उसके खिलाफ कोई मामला है, बल्कि इसलिए गिरफ्तार किया जाएगा क्योंकि पीएम उससे डरते हैं।” हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सीएम केजरीवाल को समन भेजा गया।
AAP के नेता सौरभ भारद्वाज ने भी कहा
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि, “यह साफ है कि क्रेंद सरकार आम आदमी को खत्म करना चाहती है। अब वे सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल भेजना चाह रहे हैं।” साथ ही आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार मनीष सिसोदिया की जमानत याचिक को खारिज कर दिया था। यह मामला भी दिल्ली शराब घोटाला का था, जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली शराब घोटाला है क्या समझें कुछ पॉइंट्स में?
दिल्ली शराब बिक्री नीति से संबंधित जांच 2021 में पेश की गई और अब वापस ले ली गई। मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख हैं, जिस कारण वह निशाने पर आ गए। साथ ही सीबीआई ने उनपर पूछताछ के दौरान सहयोग न करने का आरोप भी लगाया।
- नीति के तहत, अधिकांश राज्यों में मानदंडों से हटकर, सरकार का अब शराब बेचने से कोई लेना-देना नहीं था और केवल निजी दुकानों को ही ऐसा करने की अनुमति थी। इसका मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना, राजस्व में बढ़ोतरी करना और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना था।
- शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी थी। लाइसेंसधारी असीमित छूट भी दे सकते थे। सरकार ने नीति से आय में 27 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि की सूचना दी, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
- शराब नीति ने केजरीवाल सरकार को मुश्किलों में डाल दिया। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले में जांच की मांग उठाई थी और सीबीआई को जांच के लिए कहा था।
- जांच आदेश के कुछ ही समय बाद ही मनीष सिसोदिया ने कहा कि नीति रद्द हो रही है क्योंकि बीजेपी विक्रेताओं को डराने के लिए अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
- सिसोदिया की गिरफ्तारी तक सीबीआई ने दायर चार्जशीट में उनका नाम नहीं लिखा था लेकिन पिछले साल सीबीआई ने उनके घर समेत 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी। एजेंसी को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा था।
- इससे अलग प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली शराब घोटाले की जांच भी शुरू की थी। इसमें कई नेताओं और व्यवसायियों को गिरफ्तार किया।
- विपक्ष का यह भी आरोप ये भी है कि इसके एवज में आम आदमी पार्टी के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।