Saumya Murder Case: देश की चर्चित टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन मर्डर केस पर 15 साल बाद आया कोर्ट का फैसला। बता दें कि साकेत कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। साल 2008 में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या की गई थी। इस मामले पर साकेत कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला सुना दिया है। ये फैसला 13 को होना था लेकिन 18 अक्टूबर को फैसला सुनाया गया है। सभी आरोपियों मे पांच आरोपी शामिल हैं।
क्या थी पूरी कहानी?
सौम्या विश्वनाथन की हत्या 30 सितंबर 2008 को हुई थी। वह देर रात को अपनी कार से घर वापस लौट रही थीं। उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने बाद में दावा किया कि मामला लूटपाट का था। बता दें कि पांच आरोपी थे- रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी। हालांकि उनको गिरफ्तार भी किया गया था। जोकि मार्च 2009 से हिरासत में हैं। ये कोई आम नहीं थे बल्कि उनमें से मलिक और दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमिल शुक्ला को 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है।
अब ये जिगिशा घोष का मामला
दरअसल, पुलिस ने तब दावा किया था। कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार की बरामदगी के बाद ही सौम्या की हत्या के मामले का खुलासा हुआ था। उस वक्त घोष की हत्या के मामले पर कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि बाद में ये फैसला बदला गया और सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
कौन थी सौम्या और कहां करती थी काम?
सौम्या पेशे टीवी पत्रकार थी और इंडिय़ा टुडे में कार्यरत थीं। साल 2008 में अपने ऑफिस से वसंत कुंज में अपने घर जा रहीं थीं औऱ समय था रात के 3 बजे, गाड़ी सौम्या खुद चला रही थीं। उसी वक्त सभी आरोपी भी अपनी कार से वहीं जा रहे थे। तभी आरोपियों ने अकेली लड़की को देखा और उन्होंने पीछा करने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। तो गुस्से में आकर रवि ने अपनी पिस्तौल से सौम्या पर फायर कर दिया। गोली एक ही चली जोकि सौम्या के सिर पर जाकर लगी। इसके बाद आरोपी फरार हो गए।
जब वह देर रात तक घऱ नहीं पहुंची तो उनके पिता ने फोन किया और तो पुलिस तक मामला पहुंचा। शुरु में लगा कि यह मात्र एक्सीडेंट है लेकिन पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि ये हत्या का मामला है।
क्या कहा सौम्या के मां ने?
आरोपियों को दोषी करार देने के बाद सौम्य की मां ने कहा, “कि हमारी बेटी चली गई है पर, यह दूसरों के लिए भी एक नजीर के तौर पर होगा। नहीं तो अपराधियों की और हिम्मत पड़ती। हमारी 15 साल की लड़ाई रंग लाई”