जनतंत्र डेस्क, जयपुर: जलसंकट से जूझ रहे राजस्थान के पाली की प्यास बुझाने के लिए जोधपुर से वाटर ट्रेन निकल पड़ी है। इस स्पेशल वाटर ट्रेन में 40 टैंक हैं और टैंक में 50 हजार लीटर पानी लाया जा रहा है। ऐसे में एक फेरे में लगभग 20 लाख लीटर पानी पहुंचाया जाएगा।
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वाटर ट्रेन का एक फेरे का खर्चा 4 लाख 10 हजार आएगा जो राज्य सरकार वहन करेगी। पाली जिले में पानी का संकट गहराता जा रहा है। जवाई बांध सूखने के कारण पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जोधपुर से स्पेशल वाटर ट्रेन को रवाना किया गया है।
राज्य सरकार ने मांगी थी रेलवे से मदद
पाली जिले में जल सकंट को देखते हुए राज्य सरकार ने रेलवे विभाग से ट्रेन की डिमांड की थी। रेलवे विभाग ने इस परिस्थिति को समझते हुए छुट्टियों के दिनों में भी रात-दिन काम करके ऑयल टैंक का वॉश आउट किया गया और उसे वाटर ट्रेन में तब्दील किया। आखिरकार 17 अप्रैल यानी आज जोधपुर के भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से स्पेशल वाटर ट्रेन को रवाना किया गया।
21 साल में पांचवी बार चली वाटर ट्रेन
ये पहली बार नहीं है जब पेयजल की समस्या से जूझ रहे पाली जिले की प्यास वाटर ट्रेन ने बुझाई है। इससे पहले भी चार बार वाटर ट्रेन की मदद ली गई है।
- 2002 में पहली वाटर ट्रेन पाली भेजी गई थी।
- 2005 में दूसरी बार पाली के लिए जोधपुर से वाटर ट्रेन रवाना की गई।
- 2009 में तीसरी बार वाटर ट्रेन।
- 2019 में चौथी बार ट्रेन जोधपुर से पाली पहुंची थी।
- 2021 में तैयारी के बाद बारिश आने से ट्रेन रोक ली गई थी जो अब आखिरकार रवाना हुई।
30 अप्रैल तक 2 फेरे, फिर 31 जुलाई तक 4 फेरे
जोधपुर से पाली वाटर ट्रेन हर दिन 2 फेरे लगाएगी। ये सिलसिला 30 अप्रैल तक चलेगा। उसके बाद 31 जुलाई तक फेरों की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी। यानी 4 फेरों में 80 लाख लीटर पानी हर दिन पहुंचाया जाएगा। 20 साल में पहली बार ऐसा मौका होगा, जब यह वाटर ट्रेन लंबे समय तक चलाई जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने अलग से बजट की घोषणा की है। करीब तीन महीने तक चलने वाली इस ट्रेन पर 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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