नई दिल्ली: Sunanda Pushkar Case: कांग्रेस सांसद शशि थरूर को पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली की कोर्ट से राहत मिल गई है। दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर को आरोपों से मुक्त कर दिया है। सुनंदा पुष्कर थरूर की पत्नी थीं। 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। मौत से कुछ दिनों पहले ही सुनंदा पुष्कर ने आरोप लगाया था कि थरूर की पाकिस्तानी महिला पत्रकार से संबंध हैं।
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Sunanda Pushkar Case: आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज का आरोप
पुलिस ने शशि थरूर पर पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज का आरोप लगाया था। लेकिन कोर्ट में पुलिस इन दोनों ही आरोपों को साबित करने के लिए आरोपपत्र के साथ पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। शशि थरूर को जिन धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया था, अगर उसके तहत दोष साबित हो जाता तो उन्हें 10 साल तक कैद की सजा हो सकती थी।
सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट
अदालत में शुरुआती बहस के दौरान ही दिल्ली पुलिस शशी थरूर के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर पाई लिहाजा इस मामले में ट्रायल शुरू होने से पहले ही शशि थरूर को आरोप मुक्त कर दिया गया। बचाव पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा की तीन अलग-अलग लैबों में फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट का हवाला दिया गया था। इसमें मौत के सही कारण का एक भी रिपोर्ट में जिक्र नहीं था। सभी में केवल कयास लगाए गए थे। अदालत ने बचाव पक्ष की दलील और दस्तावेजों के आध्ययन के आधार पर थरूर को आरोप मुक्त करने का फैसला सुनाया है।
शशि थरूर के खिलाफ चार्जशीट पर बहस
कानूनी तौर पर बताएं तो किसी भी मामले में जब पुलिस चार्जशीट दायर करती है तो फिर अदालत में उस पर बहस होती है। इसके बाद अदालत आरोप तय करती है और फिर मुकदमे की सुनवाई शुरू होती है। लेकिन शशि थरूर के खिलाफ चार्जशीट पर बहस के दौरान ही कोर्ट ने आरोप तय करने से मना कर दिया।