WORLD ASTHMA DAY 2025: विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है। अस्थमा फेफड़े में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। जो लगभग सभी उम्र के लोगों के लिए खतरा बन सकती हैं। अगर इस पर समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
विश्व अस्थमा दिवस का इतिहास
1993 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) नामक अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान (NHLBI, USA) के सहयोग से हुई थी। GINA का उद्देश्य अस्थमा के उपचार, रोकथाम और प्रबंधन के बेहतर उपायों को दुनियाभर में बढ़ावा देना है। 1998 में विश्व अस्थमा दिवस मनाने की शुरुआत की गई। स्पेन के बार्सिलोना में हुए सम्मेलन में यह दिन मनाने का फैसला लिया गया था। जिसमें 35 से अधिक देशों ने भाग लिया था। उसके बाद से हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को अस्थमा दिवस मनाया जाता है।
अस्थमा दिवस का महत्व
दुनियाभर में अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कई बार लोग इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं या इसे सही से समझ नहीं पाते। यह दिवस सही जानकारी फैलाकर जागरूकता बढ़ाता है।
अस्थमा को लेकर मिथक
अस्थमा को लेकर कई मिथक हैं जैसे- अस्थमा छूने से फैलता है, इनहेलर की आदत पड़ जाती है। इस दिन ऐसे भ्रमों को दूर किया जाता है। आधुनिक इलाज, दवाएं और इनहेलर तकनीक से अस्थमा को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
इस दिन लोगों को इलाज के आधुनिक विकल्पों की जानकारी दी जाती है। सही जानकारी के साथ मरीज अपने लक्षणों को पहचानकर इलाज शुरू कर सकते हैं और बेहतर जीवन जी सकते हैं।
अस्थमा और इसके लक्षण
- सांस फूलना, सांस लेने मे तक्लीफ होती हैं।
- बार-बार खांसी होना और ऐसा मेहसूस होना कि फेफड़े हवा अंदर नहीं ले पाना।
- छाती में जकड़न होना और चलने या बात करने मे तक्लीफ होना।
- थकान महसूस होना और होंठ का नीला पड़ जाना।
अस्थमा को कैसे करें नियंत्रित
- अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए
- धूल मिट्टी का खास ख्याल रखना
- दूशीत हवा से बचना
WORLD ASTHAMA DAY हमे याद दिलाता है कि अस्थमा एक लाइलाज बीमारी है। थोड़ी सावधानी और सही जानकारी और लाइफस्टाइल मे बदलाव के साथ इसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है।