17 सितंबर की जिसमें सऊदी अरब के साथ डील के बाद लगभग 4 महीने के बाद मुस्कराते नजर आ रहे है…इस डील के बाद पाकिस्तान फूले नहीं समा रहा है…उसे लगता है कि अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो सऊदी से किराए की सेना मिल जाएगी…और वो उसका साथ देगा…लेकिन लगता है पाकिस्तान ये भूल रहा है कि सूऊदी की भारत से मजबूत दोस्ती है,इस समझौते पर इजरायल ने बयान दिया है…उसने कहा कि ”यह समझौता भारत और इजरायल कारण हुआ है…हालांकि इजरायल ने इस समझौते को स्वीकार नहीं किया…कहा जा सकता है कि वह ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में है…दूसरी ओर अमेरिका ने भी इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जो लंबे समय तक खाड़ी देशों की सुरक्षा की गारंटी देता है”
मिडिल ईस्ट में मचे घमासान के बीच पाकिस्तान ने अपना परमाणु बम सऊदी को बेच दिया है
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है…दोनों देशों के बीच “Strategic mutual Defence Agreement” पर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रियाद में हस्ताक्षर किए…इस समझौते के तहत अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो दूसरा देश भी अपने ऊपर हमला मानकर जवाब देगा…जैसा नाटो सदस्यों के बीच देखने को मिलता है…रियाद में साइन हुए इस समझौते पर सऊदी अरब ने कहा है कि इससे उनके और भारत के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जाहिर है कि इससे भारत को खतरा हो सकता है…क्योकि पाकिस्तान एक परमाणु सम्पन्न देश है और सऊदी अरब के डिफेंस का तार सीधे अमेरिका से जुड़ा हुआ है,
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि” हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं। भारत सरकार को पता था कि दोनों देशों के बीच इस रक्षा समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। हम अपने राष्ट्रीय हितों और क्षेत्रीय व वैश्विक स्थिरता के दृष्टिकोण से इस समझौते के प्रभावों का अध्ययन करेंगे”
सवाल ये भी है कि क्या इस डील के पीछे डोनाल्ड ट्रंप का हाथ हो सकता है…लेकिन तथ्य ये भी है कि इजरायल ने 9 सितंबर को क़तर की राजधानी दोहा में हमास चीफ खलील अल हया को निशाना बनाकर हमला किया था…लेकिन इस हमले में अल हया तो बच गया…लेकिन 6 अन्य लोग मारे गए…इसके बाद 14 सितंबर को दोहा में मुस्लिम देशों के कई नेता इजराइल के खिलाफ एक खास बैठक के लिए इक्ट्ठा हुए…और यहां पाकिस्तान ने सभी इस्लामिक देशों को नाटो जैसी जॉइंट आर्मी फोर्स बनाने का सुझाव दिया…और अब ये समझौता सामने आया है…जिसका मतलब साफ है कि पाकिस्तान को सऊदी अरब का साथ मिलेगा…हालांकि समझौते में परमाणु सुरक्षा का सीधा जिक्र नहीं है,यह रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता इस बात का संकेत है कि सऊदी अरब अब अपने सुरक्षा गठबंधनों में विविधता लाने के लिए तैयार है। यह समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब पारंपरिक रूप से अमेरिका की सुरक्षा गारंटी पर निर्भर खाड़ी देश कतर में इजरायल के मिसाइल हमलों के बाद से बेहद डरे हुए हैं ।
सऊदी अरब और पाकिस्तान के रिश्ते
सऊदी अरब और पाकिस्तान के संबंधों का लंबा इतिहास रहा है। सऊदी ने दूसरे खाड़ी देशों के साथ मिलकर इस्लामाबाद को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता दी है। रियाद और इस्लामाबाद दशकों से एक मजबूत रक्षा साझेदारी का भी इतिहास रहा है। पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख रियाद में सऊदी नेतृत्व वाले आतंकवाद-रोधी बल की कमान संभालते रहे हैं।हालांकि इस समझौते के बाद बलूचिस्तान में सऊदी और पाकिस्तान की इस डील का खूब मजाक उड़ रहा है…बलोच एक्टिविस्ट मीर यार ने सवाल पूछा…क्या पाकिस्तान का $87 अरब का कर्ज सऊदी भरेगा?गौरतलब है कि इस समझौते से भारत की टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि इसमें यह कहा गया है कि सऊदी अरब या पाकिस्तान में किसी एक पर हमला दोनों के खिलाफ हमला माना जाएगा।
भारत के लिए क्यों है टेंशन?
यह समझौता पाकिस्तान और भारत के बीच मई में हुए सैन्य संघर्ष के चार महीने बाद हुआ है। इस समझौते से भारत का भी चिंतित होना लाजमी है। समझौते की शर्तों के अनुसार, अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो सऊदी अरब युद्ध में शामिल हो जाएगा। हालांकि, सऊदी ने इसी किसी देश के खिलाफ नहीं बताया है। एक वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने मीडिया को बताया कि यह समझौता वर्षों की चर्चाओं का परिणाम है। यह किसी खास देश या घटना विशेष की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और गहन सहयोग का संस्थागत रूप है।
लिहाजा अपनी पुरानी आदत के मुताबिक पाकिस्तान इस डील को मुस्लिम भाईचारे के रूप में पेश कर रहा है…लेकिन सऊदी अरब संतुलित कूटनीतु के तहत भारत में निवेश बढ़ा रहा है…देखना दिलचस्प होगा कि साऊदी भारत के व्यापार और पाकिस्तान के साथ धार्मिक लगाव को कैसे MANAGE करता है…और अब सवाल ये है कि पाकिस्तान की तरफ से किए गए आतंकी हमले का भारत जवाब देता है तो क्या सऊदी अरब भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ मिलकर युद्ध करेगा…क्योकि पाक अपनी हरकतों से बाज आएगा नहीं और भारत उसको छोड़ेगा नहीं…और सवाल ये भी है कि इसके बाद कितने और देश इसमें शामिल हो सकते है…और क्या ये सभी मिलकर इजरायल पर हमला कर देंगे।