नई दिल्लीः मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास से विस्फोटकों से भरी कार की बरामदगी के मामले में एनआईए ने मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर (एपीआइ) सचिन वाझे Sachin Vaze को गिरफ्तार कर लिया है। सचिन वझे शनिवार को अपना बयान दर्ज कराने के लिए एनआइए के मुंबई स्थित कार्यालय पहुंचे थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने लंबी पूछताछ के बाद सचिन वझे को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले मनसुख हिरेन मामले में सचिन की अग्रिम जमानत याचिका ठाणे के सत्र न्यायालय ने ठुकरा दी थी।
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सचिन वाझे के खिलाफ दिख रहे सुबूत: कोर्ट
मालूम हो कि एनआइए उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक लदी स्कार्पियो मिलने के मामले की जांच कर रही है। मनसुख हिरेन की मौत के मामले में ठाणे के सत्र न्यायालय द्वारा सचिन की अग्रिम जमानत याचिका ठुकराए जाने के बाद वाझे शनिवार को एनआइए के ऑफिस में अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे। एनआइए ने सचिन वाझे से लंबी पूछताछ की और बाद में गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने वाझे की अग्रिम जमानत याचिका ठुकराते हुए कहा था कि उनके खिलाफ पहली नजर में सुबूत दिख रहे हैं।
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम कदम ने उद्धव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की वह कुछ बड़े नामों को छुपाना चाहती है “देखो महाराष्ट्र सरकार की नौटंकी जो पुरे षड्यंत्रका प्रमुख आरोपी है वही सचिन वाझे पुरे केस का जांच अधिकारी था। यह सबकुछ जानबूझकर था क्योंकि महाराष्ट्र सरकार कुछ बड़े नामों को बचाना चाहती थी ? वहीं कारण था पूरी सरकार एक साधारण अफसर को बचाने के पीछे पडी थी” आगे राम कदम ने कहा की वाझे का नार्को टेस्ट होना चाहिए।
तथा @OfficeofUT सचिन वाजे की नार्को टेस्ट कराए यह हमारी मांग है।
— Ram Kadam ( modi ka parivar ) (@ramkadam) March 14, 2021
सुबह 11 बजे से जारी थी पूछताछ
एनआइए ने शनिवार को सुबह 11 बजे से सचिन वझे से पूछताछ शुरू की। सूत्रों की मानें तो उनसे मनसुख से परिचय, उनके द्वारा स्कार्पियो के इस्तेमाल, स्कार्पियो चोरी होने के बाद मुकेश अंबानी के घर के निकट जिलेटिन की छड़ों एवं धमकी भरे पत्र के साथ पार्क किए जाने के संबंध में सवाल पूछे गए। माना जा रहा है कि एनआइए को इस मामले में वझे के विरुद्ध मजबूत प्रमाण नजर आए हैं तभी उन्हें (Sachin Vaze) देर रात गिरफ्तार किया गया।
वाझे ने दी थी ये दलीलें
वहीं वाझे ने अग्रिम जमानत के लिए शुक्रवार को दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि मनसुख प्रकरण की प्राथमिकी में किसी का नाम नहीं लिया गया है। उक्त प्राथमिकी निराधार एवं उद्देश्यहीन है। वाझे ने खुद को बलि का बकरा बनाए जाने की भी दलील दी थी। वाझे का कहना था कि आठ मार्च को एटीएस अधिकारियों ने उनसे लंबी पूछताछ की थी। इस पूछताछ में मैंने बताया है कि जब मनसुख लापता हुए और कथित तौर पर उनकी हत्या हुई तो उस समय मैं दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में था। हालांकि कोर्ट वाझे की दलीलों से सहमत नहीं दिखा।
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि बीते 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर अंटीलिया के निकट एक संदिग्ध स्कार्पियो कार बरामद की गई थी। इस घटना के एक सप्ताह बाद ही स्कार्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बताया जाता है कि मुंबई पुलिस के एपीआइ सचिन वझे ही वह स्कार्पियो चार महीने से चला रहे थे। यही नहीं कार मुकेश अंबानी के घर के निकट पाए जाने के बाद भी वह लगातार मनसुख हिरेन के संपर्क में थे। यही कारण है कि मनसुख का परिवार उनकी हत्या का शक सचिन वझे पर जता रहा है।
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