Israel-Iran War News : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 से 27 जून तक चीन के किंगदाओ शहर में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेगें। इस सम्मेलन में वे आतंकवाद पर बड़ा मुद्दा उठाने वाले हैं। भारत लंबे समय से पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचो पर आक्रमक रुख अपना रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक में साफ संदेश देंगे कि आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ पूरे क्षेत्र को एकजुट होकर लगातार और ठोस प्रयास करने होंगे। ये बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब करीब डेढ़ महीने पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी सीमा में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। भारत इसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती मानता है।
सिर्फ राजनाथ सिंह ही नहीं, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी इसी समय चीन में SCO के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इससे यह साफ है कि भारत एससीओ जैसे मंच का प्रयोग न सिर्फ आतंकवाद, बल्कि सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए भी कर रहा है।
राजनाथ की चीनी रक्षा मंत्री से होगी द्विपक्षीय वार्ता
जानकारी के मुताबिक, राजनाथ सिंह की मुलाकात चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से द्विपक्षीय वार्ता के तौर पर भी होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच वीजा नीति, कैलाश यात्रा, जल आंकड़ों का साझा करना और हवाई संपर्क बहाल करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात लाओस में ADMM-प्लस शिखर सम्मेलन में हई थी, जो सीमा विवाद के बाद पहली सीधी बातचीत थी।
क्या है शंघाई सहयोग संगठन ?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की थी। बाद में भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने और 2023 में ईरान भी सदस्य बन गया। SCO का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है। संगठन आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर साझा रणनीति बनाता है।