नई दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से चलता रहे, इसके लिए नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। लोकसभा स्पीकर द्वारा किये गए बदलाव और संसद की कार्यवाही को लेकर उनके कड़े रूख का साकारात्मक असर भी देखने को मिला है। लोकसभा के मौजूदा बजट सत्र में अब तक नौ नए बिल पारित हो चुके हैं, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।
नए अध्यक्ष ने बड़े बदलाव के तहत एक घंटे के शून्य काल की परंपरा को खत्म किया, साथ ही विपक्ष को बहस के अंत में मंत्री के जवाब के बाद सफाई का मौका देने जैसी नई परंपरा की शुरुआत भी की। इसके अलावा स्पीकर ने ऐसे सांसदों को बोलने का मौका दिया, जो पहली बार संसद में चुनकर आये हैं। इससे नए सांसदों का लोकसभा कार्यवाही को लेकर झिझक खत्म हुई।
बीते करीब एक महीने से चल रहे पहले सत्र की उत्पादकता फिलहाल 130 फीसदी है। प्रश्नकाल में प्रतिदिन औसतन 3 से 4 सवाल की जगह 8 से 9 सवाल पूछे जा रहे हैं। इसके अलावा ऐसा पहली बार हुआ है जब पहले ही सत्र में पहली बार चुन कर आए करीब 90 सांसदों को पहले ही सत्र में बोलने का मौका मिला हो।
बीते गुरुवार को स्पीकर ओम बिड़ला ने सबसे लंबी अवधि (4 घंटे 48 मिनट) का शून्यकाल चलाने का कीर्तिमान बनाया। कार्यवाही रात 11 बजे तक चली। इस दौरान 30 फीसदी सांसदों ने मुद्दे उठाए। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक अब तक इतनी लंबी अवधि के शून्यकाल का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे पहले शून्यकाल में कभी भी 70 से अधिक सांसदों ने मुद्दे नहीं उठाए हैं। वर्तमान सत्र में अब तक नौ बिलों को मंजूरी मिल चुकी है।