जम्मू-कश्मीर : घाटी में 15 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के मोदी सरकार के आदेश से देश भर हलचल तेज़ हो गयी है। पहले सरकार के इस आदेश को स्वतंत्रता दिवस के पूर्व सुरक्षा की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन सरकार के इस आदेश पर जिस तरह से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयी है,उससे लगता है कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा-35A को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। हालाँकि इस पर सरकार की तरफ से अभी कुछ नहीं कहा गया है।
दरअसल मोदी सरकार ने ये आदेश अजीत डोभाल के घाटी से लौटने के दो दिन बाद जारी किया, इसीलिए इस आदेश के मायने ख़ास हो जाते हैं। माना जा रहा है कि घाटी की हालात का अवलोकन करने के बाद डोभाल द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंपी गयी, जिसके बाद सरकार ने घाटी में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के आदेश जारी किये। मोदी सरकार के इस आदेश को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
मोदी सरकार के आदेश का विरोध करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि सरकार का ये कदम घाटी के लोगों को भयभीत करने वाला है। महबूबा के मुताबिक सरकार के द्वारा घाटी में हालात को सामान्य बनाये जाने की पहल के बजाय घाटी में माहौल को तनावपूर्ण बनाया जा रहा है और ये सब जानबूझकर किया जा रहा है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर से धारा-35A को हटाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। धारा-35A को हटाने के बाद संभावित हिंसा या विरोध से निपटने को लेकर सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के आदेश जारी किये गए हैं। गौरतलब है कि लोकसभा 2019 चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।