“गोरखपुर स्टेशनरी मॉडल” क्यों है ख़ास ? पीएमओ ने भी की सराहना
देशव्यापी Lockdown के बीच गोरखपुर लोगों के घर तक तक जरूरी सामान पहुंचाने के मामले में पहचान बना चुका है। पीएमओ भी गोरखपुर के इस सराहनीय कदम की तारीफ़ कर चुका है। इसके बाद अब गोरखपुर अपने नए प्रयास ‘स्टेशनरी मॉडल ‘ को लेकर चर्चा में है। लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई के बीच बच्चों को कॉपी व किताब पहुंचाने के लिए शहर में स्टेशनरी मॉडल लागू किया गया है। इतना ही नहीं , ये मॉडल इतना पसंद किया जा रहा है कि अब यह मॉडल अन्य जिलों में भी लागू होने जा रहा है।
अन्य जिलों में भी लागू करने की तैयारी
भले देश लॉकडाउन में है लेकिन उत्तरप्रदेश अपने कई प्रयोगों को लेकर अपनी शान बना रहा है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी गोरखपुर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। घर घर सामान पहुंचा कर लॉकडाउन को सफल बनाने और कोरोना की चैन तोड़ने को लेकर सजग उत्तरप्रदेश में ऑनलाइन पढ़ाई के बीच बच्चों को कॉपी व किताब पहुंचाने के लिए शहर में ‘स्टेशनरी मॉडल’ लागू किया गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल के प्रयासों से शुरू इस व्यवस्था को देश के अन्य जिलों में भी लागू करने की तैयारी है।
पांच ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच बच्चो को पढाई में हो रही परेशानी को लेकर गोरखपुर के जॉइंट मजिस्ट्रेट ने एक मॉडल तैयार किया। इस मॉडल में कई खूबियां है। इसमें स्टेशनरी के 14 डिस्ट्रिब्यूटर से संपर्क कर उन्हें जोड़ा गया है और पांच ऑनलाइन पोर्टल शुरू किए गए। बतादें आपको कि अब तक करीब २५ हजार लोगों तक इस व्यवस्था के तहत किताबें-स्टेशनरी पहुंच चुकी है। इसके साथ हीं 3 तीन मई तक सभी बच्चों तक स्टेशनरी पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा गया है।
डिलीवरी मैन को पूणतः सेनिटाइज़
डिलीवरी के समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है। डिलीवरी करने वाले को मास्क, ग्लव्स व टोपी पहनना अनिवार्य है। सुबह व शाम को उनका तापमान जांचा जाता है। इसके साथ हीं उसे हर तरह से सेनिटाइज़ कर तैयार किया जाता है ताकि उसके द्वारा कहीं भी कोरोना का फैलाव न हो। डिलीवरी करने वाले की हिस्ट्री रिकॉर्ड रखी जाती है।
53 से अधिक जिलों में लागू करने की तैयारी
गौरव सिंह सोगरवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर का कहना है कि “स्टेशनरी मॉडल को लेकर कई जिलों से जानकारी मांगी गई है, उन्हें प्रेजेंटेशन भेजा गया है। इसके अतिरिक्त गोरखपुर मॉडल की भी मांग बढ़ी है। कई राज्यों सहित भारत सरकार के पेट्रोलियम, वाणिज्य, स्किल डेवलपमेंट एवं जलशक्ति मंत्रालय को प्रेजेंटेशन भेजा जा चुका है।” प्रदेश के लखनऊ, आगरा, कानपुर, मेरठ आदि सहित असम, राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु व केरल राज्यों के करीब 53 जिलों में यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही है।
‘ऑनलाइन डिलीवरी पोर्टल’ की PMO कर चुका है सराहना
गोरखपुर तब भी चर्चा में रहा जब , ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व उप जिलाधिकारी सदर गौरव सिंह सोगरवाल की ओर से लॉकडाउन के दौरान बनाई गई ‘ऑनलाइन डिलीवरी पोर्टल’ मॉडल को पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) से भी सराहना की गई। पीएमओ के निजी सचिव निखिल गजराज ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को फोन कर शुभकामनाएं दी थी। निजी सचिव ने ‘ऑनलाइन डिलीवरी पोर्टल’ के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी मांगा था जिससे इसे पूरे देश में लागू किया जा सके। इसके अलावा आइएएस एसोसिएशन ने भी गौरव के इस पहल की सराहना की है। ग्रामीण इलाकों में खाद्यान्न समेत जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए 1400 दुकानों की सूची और उनके मोबाइल नंबर को फेसबुक व ग्राम प्रधानों के माध्यमों से गांव-गांव पहुंचाया जा रहा है।