Kolkata Law College Rape Case: पश्चिम बंगाल की कोलकाता राजधानी, एक बार फिर से एक दिल दहलाने वाली घटना के कारण सुर्खियों में है। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज के परिसर में एक छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो मौजूदा छात्र और एक पूर्व छात्र, जो कॉलेज का स्टाफ सदस्य भी है, शामिल हैं। यह घटना 25 जून 2025 को शाम 7:30 से 10:50 बजे के बीच हुई, जिसके बाद पीड़िता की शिकायत पर कासबा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 30 वर्षीय मनोजीत मिश्रा, 19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमीत मुखर्जी के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि एक आरोपी ने मुख्य रूप से बलात्कार किया, जबकि अन्य दो ने इस अपराध में सहायता की। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम कॉलेज परिसर में सबूत इकट्ठा करने के लिए पहुंची है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में किया गया।
सुरक्षा को लेकर उठे गंभीर सवाल
यह घटना पिछले साल अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की भयावह घटना की याद दिलाती है। उस मामले में, कोलकाता पुलिस के एक सिविक वालंटियर, संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोनों घटनाओं ने कोलकाता में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
कोलकाता के मेयर ने दिया बड़ा बयान
इस घटना ने कॉलेज परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने इसे “बेहद गंभीर घटना” बताते हुए पुलिस से बात करने के बाद बयान देने की बात कही। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर गुस्सा और आक्रोश देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने इसे टीएमसी सरकार की नाकामी से जोड़ा है, हालांकि ये दावे अभी असत्यापित हैं।
पुलिस ने आरोपियों को अलिपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां उनकी हिरासत की मांग की गई। यह घटना न केवल कानूनी कार्रवाई की मांग करती है, बल्कि समाज से यह सवाल भी पूछती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।