जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: यूक्रेन की राजधानी कीव और खार्कीव को रूस ने जंग का मैदान बना दिया है। सातवें दिन भी रूस आक्रामक मोड़ में है और खार्कीव पर कब्जे की ओर बढ़ रहा है। इस बीच अमेरिका ने रूसी प्रेसीडेंट व्लादिमिर पुतिन को कहा है कि तानाशाहों को हमेशा कीमत चुकानी पड़ती है। लेकिन अगले ही पल बाइडन ने यूक्रेन की जंग में शामिल न होने की बात भी कही है।
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अपने संबोधन में बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की है। निंदा के साथ बाइडेन ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी है। लेकिन दो बातें एक साथ करने वाले अमेरिकी प्रेसिडेंट ने ये तो साफ कर दिया कि वो यूक्रेन के साथ बाहरी तौर पर ही है। यानी वो उसके समर्थन में रूस से कोई जंग नहीं करने वाला। बाइडन ने कहा कि रूस को मनमानी नहीं करने दी जाएगी। जब बाइडन यूक्रेन को लेकर संबोधित कर रहे थे उस वक्त वहां यूक्रेनी राजदूत भी मौजूद थे। बाइडन ने कहा कि अमेरिका की सेना रूस के साथ भिड़ेगी नहीं, लेकिन रूस को मनमानी नहीं करने दी जाएगी। बाइड़न ने ये भी कहा कि रूस बिना किसी उकसावे के यूक्रेन पर हमला कर रहा है।
बाइडन के संबोधन की बड़ी बातें
रूस की आर्थिक व्यवस्था तबाह है। हम रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं। यूक्रेन को 100 करोड़ डॉलर की मदद देंगे। रूस ने दुनिया की नींव हिलाने की कोशिश की है। रूस को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये जंग लोकतंत्र बनाम तानाशाही की है।
बाइडन ने कहा कि रूसी विमानों के लिए अमेरिका का एयरस्पेस बंद कर दिया गया है। हम NATO की एक-एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे। पुतिन आज इतने अलग थलग पड़े चुके हैं, जितने पहले कभी नहीं थे। आज 27 देश यूक्रेन के साथ हैं। रूसी शेयर बाजार में 40 फीसदी की गिरावट है।
यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं। पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस वक्त का जब इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें यूक्रेन के खिलाफ छेड़ी गई जंग की वजह से रूस को कमजोर और बाकी दुनिया को ताकतवर बताया जाएगा।