अमित शाह लोकसभा में किया नागरिकता संशोधन बिल पेश
नई दिल्ली- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश किया। अमित शाह ने कहा ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं। अमित शाह ने कहा बिल पर सदन में हर सवाल का जवाब दूंगा। इस बिल पर सदन में विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। इस बिल के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
गृह मंत्री Amit Shah ने विधेयक किया पेश
लोकसभा में होने वाले कार्यों की सूची के मुताबिक गृह मंत्री ने विधेयक पेश किया जिसमें छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन की बात है और इसके बाद इस पर चर्चा होगी और इसे पारित कराया जाएगा। वहीं इस बिल को पेश करने से पहले रविवार को बीजेपी ने अपनी पार्टी के सभी सांसदों के लिए सोमवार से बुधवार तक का थ्री लाइन व्हिप जारी किया है।
बीजेपी सदस्यों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए कहा गया
पार्टी की ओर से जारी किए गए एक पत्र में कहा गया है कि सभी बीजेपी सदस्यों को सोमवार 9 दिसंबर से लेकर 11 दिसंबर तक लोकसभा में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने पिछली बार इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गई थी।
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने नागरिकता संशोधन विधेयक विरोध में निकाली रैली
वहीं जहां एक तरफ मोदी सरकार नागरिकत संशोधन बिल को लोकसभा में पेश करने जा रही है। तो दूसरी तरफ इस बिल का विरोध भी हो रहा है। असम में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में गुवाहाटी में टॉर्च रैली निकाली। तो वहीं दिल्ली में असम के छात्रों ने बिल का विरोध किया।
सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक
वहीं कांग्रेस भी इस बिल के विरोध में हैं जिसके तहत कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई थी। सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई इस मीटिंग में गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत पार्टी के बड़े नेता मौजूद रहे। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी ने लोकसभा इस बिल को लेकर रणनीति पर चर्चा की वहीं बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम नागरिक संशोधन बिल का आखिरी दम तक विरोध करेंगे। यह हमारे संविधान, धर्मनिरपेक्ष लोकाचार, परंपरा, संस्कृति और सभ्यता का उल्लंघन है।