Delhi Ki Diwali: दीपावली पर इस्तेमाल होने वाले मिट्टी के बर्तनों और दीयों की जगह अब गाय के गोबर से दीपक बनाए जा रहे हैं।
जनतंत्र डेस्क: Delhi Ki Diwali: दीपावली पर घर को रोशनी से जगमगाने के लिए कुंभकार दीये बनाने में जुटे हैं। दीपावली बिना मिट्टी के दीयों के अधूरी लगती है। लेकिन दीपावली पर एक बार फिर दिल्ली के प्रजापति समाज के लिए मिट्टी के बर्तनों को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि एनजीटी ने भट्टियों पर रोक लगा दी है।
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Delhi Ki Diwali: एनजीटी ने लगाया भट्टियों पर प्रतिबंधित
ये तो आप जानते ही हैं कि मिट्टी के बर्तन व दीयों को भट्टियों में तपाया जाता है। भट्टी से प्रदूषण बढ़ता है। इसी के मद्देनज़र एनजीटी के आदेश अनुसार भट्टियाँ प्रतिबंधित कर दी गई हैं। जिससे प्रजापति समाज के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसी को देखते हुए दिल्ली के अलीपुर में रहने वाले विकास भारतीय ने ‘हरित भू – अहं पर्यावरण रक्षामि’ पहल की शुरुआत की है। वो दीपावली पर इस्तेमाल होने वाले मिट्टी के बर्तनों की जगह अब गाय के गोबर से दीपक बना रहे हैं।
Delhi Ki Diwali: गोबर से बने दीपक के कई फायदे
आपको बता दें कि गाय के गोबर से बने दीपक लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। विकास भारतीय का कहना है कि गाय के गोबर से बने इन दीपकों के कई फायदे हैं। इस्तेमाल के बाद गाय के गोबर से बने दीपक को पेड़- पौधों की मिट्टी में मिलाकर खाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। गाय के गोबर से बने होने के कारण जब ये जलाए जाते हैं तो आस पास के कीटाणु मरते हैं।