जनतंत्र डेस्क Delhi: गोवा के पूर्व राज्यपाल और मेघालय के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। जिसके बाद मामला गर्मा गया। अब आम आदमी पार्टी ने भी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोट सावंत को कटघरे में खड़ा किया है। ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा ने गोवा की बीजेपी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच कराने और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है।
आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक के बाद एक गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर निशाना साधा। राघव चड्ढा ने कहा कि, प्रधानमंत्री को जब इसके बारे में बताया गया, तो उन्होंने भ्रष्ट मुख्यमंत्री को हटाने के बजाय भ्रष्टाचार उजागर करने वाले गवर्नर को ही हटा दिया। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार संवैधानिक पद पर बैठे एक राज्यपाल ने इतने बड़े भ्रष्टाचार का उजागर किया है। राघव चड्ढा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भ्रष्टाचार किया गया। जब लोगों की जानें बचानी चाहिए थी, गरीब आदमी का पेट भरना चाहिए था। उस दौर में सीएम प्रमोद सावंत अपनी जेब भर रहे थे। अगर प्रधानमंत्री, सीएम प्रमोद सावंत को बर्खास्त नहीं करते हैं, तो यही माना जाएगा कि केंद्र में बैठी बीजेपी भी गोवा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त है।
सत्यपाल मलिक ने लगाए थे सनसनीखेज आरोप
गौरतलब है कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि, गोवा सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त होने को मैने उजागर किया इसलिए मुझे गवर्नर पद से हटा दिया गया। जिसके बाद अब आम आदमी पार्टी ने भी केंद्र सरकार को घेरा है।
सत्यपाल मलिक 1980 से राज्यसभा के सांसद से रहे। 1989 में वे लोकसभा के सांसद बने। उड़ीसा, बिहार, जम्मू कश्मीर और गोवा के राज्यपाल रहे। गोवा के राज्यपाल पद से हटाकर उन्हें मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया और अभी भी वे मेघालय के राज्यपाल हैं।