जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है राजधानी कीव को रूसी सेना ने घेर लिया है। यूक्रेन में इन हमलों का अंजाम सिर्फ और सिर्फ आम लोग भुगत रहे हैं। रूस यूक्रेन की जंग में भारत पर भी गहरा असर होगा। भारत में महंगाई दर पहले ही ज्यादा है। इस जंग के बाद क्रूड ऑयल के दाम और तेज हो गए हैं।
Russia-Ukraine Conflict: रूस-यूक्रेन में जंग का भारत पर क्या होगा असर
यूक्रेन में हमलों के बाद भारत में इसका सीधे असर महंगाई पर होगा। क्योंकि भारत अपनी तेल की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर निर्भर है। कच्चे तेल का 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा भारत आयात ही करता है। कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों पर सीधा असर होगा।
यूक्रेन संकट का असर चुनाव बाद होगा
रूस और यूक्रेन में तनाव अक्टूबर 2021 में बढ़ना शुरू हुआ, उस वक्त क्रूड 85 डॉलर प्रति बैरल पर था, उस वक्त से लेकर अब तक इसकी कीमत में करीब 24 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई है। लेकिन भारत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं। इन चुनावों के परिणामों का ऐलान 10 मार्च का होगा। ऐसे में अंदेशा है कि परिणाम के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम तेजी से बढ़ेंगे।
हर हालात में आम आदमी ही पिसता है
एक तरफ रूस के हमलों से यूक्रेन के आम नागरिक बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। तो वहीं, इस सकंट के बीच बढ़ती महंगाई का असर भी आम आदमी पर ही होगा। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव का असर भारतीय रुपये पर भी देखने को मिला है। गुरूवार को डॉलर के मुकाबले रुपये एक फीसदी कमजोर हुआ है। सकंट का सीधा असर भारत के आम नागरिकों पर ही होगा।
पेट्रोल-डीजल, गैस, खाद्य तेल और गेहूं जैसी जरूरी चीजें महंगी होंगी। प्राकृतिक गैस महंगी होने से फर्टिलाइजर, बिजली और ऐसे सभी रसायनों के दाम बढ़ेंगे जिनके उत्पादन में गैस का इस्तेमाल होता है।
पूरी दुनिया में रूस अकेले 12 प्रतिशत के करीब कच्चे तेल का उत्पादन करता है। ऐसे में हमलों से घिरा यूक्रेन और रूस की रणनीति में दो देश नहीं पिस रहे। बल्कि यह सकंट दुनिया के लिए भी बड़ा है, खासकर भारत के लिए।