नई दिल्ली। कोरोना देश के लिए काल बन चुका है दुनियाभर के देश लॉक (Water Pollution News)
डाउन में है इस गंभीर बीमारी के संकट से सभी देश जूझ रहे हैं, इस महामारी से लोग उभर नहीं पा रहे हैं इस महामारी को देखते हुए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं लेकिन सब फीके पड़ते नजर आ रहे हैं ,चाहे वह भारत की बात करें या विदेशी सभी इसके आगे झुक चुके हैं।
Water Pollution News india
एक तरफ जहां इंसानों के लिए लॉकडाउन मुसीबत है तो वही धरती के लिए वरदान है( Water Pollution News )
क्योंकि धरती काफी समय से धरती पर रह रहे लोगों की मुसीबतों को झेल रही है और लोग धरती के साथ अपनी मनमर्जी करती करते हैं इन दिनों धरती अपनी मनमर्जी कर रही है लोग अपने घरों में कैद है।
जिसकी वजह से धरती दोबारा खुद को संजोने में काफी हद तक कामयाब रही है। न गाडियों का शोर-शराबा, न गाडियों से निकलता काला धुंआ, न भीड़-भाड़, न इंसानों के फेंके हुए कचरे का ढेर, न भारी मशीनों के चलने से होने वाली गड़गड़ाहट और न ही ऊर्जा की बेतहाशा खपत। इसमें कोई शक नहीं है कि ये सभी कुछ कोरोना के डर की बदौलत हुआ है। लेकिन, इस डर की वजह से वो हुआ है जो वो कर पाने में आज तक दुनिया की सभी सरकारें नाकाम रही लॉक डाउन ने वो कर दिखाया। वर्तमान में जारी लॉकडाउन से नदियां फिर से साफ होने के साथ सांस लेने लगी हैं।
भारत की ही बात करें तो लॉकडाउन के दौरान पूरे देश की हवा सांस लेने लायक हो गई है। वातावरण इतना साफ हो चुका है कि जालंधर से 200 किलोमीटर दूर हिमाचल की पहाड़ियां भी साफ दिखाई देने लगी थीं। इसकी कुछ तस्वीरें पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल भी हुईं थीं। 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा वाले दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 122 अंक पर था, जो लॉकडाउन के दौरान 21 अप्रैल को 87 पर आ गया। देश के सबसे प्रदूषित जिलों में शामिल गाजियाबाद में 22 मार्च को एक्यूआई 237 पर था जो 7 अप्रैल को 54 पर आ गया था।
उद्योगों के बंद होने से नदियों में जाने वाली गंदगी बंद हो गई है। इससे नदियों का प्रदूषण काफी घटा है। ऋषिकेष और हरिद्वार में गंगाजल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा एक प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, नदी के पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा का मानक 6.00 प्रति लीटर तय है। ऋषिकेश में लॉकडाउन से पूर्व गांगा में ऑक्सीजन की मात्रा 5.20 प्रति लीटर मापी गई थी, जो अब बढ़कर 6.50 प्रति लीटर हो गई है।