Jallianwala Bagh Hatyakand News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम बड़ो नेताओं ने 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी नेे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 13 अप्रैल को हुए इस दिन को याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनके अदम्य साहस को याद रखेंगी। आज के दिन रॉलेट एक्ट के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध कर रहे सैकड़ों लोगों को 1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग में बिना किसी उकसावे के ब्रिटिश सेना ने गोलियों से भून दिया।
पीएम मोदी ने किया शहीदों को याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकांउट पर पोस्ट कर लिखा “हम जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। आने वाली पीढ़ियां उनकी अदम्य भावना को सदैव याद रखेंगी। यह वास्तव में हमारे देश के इतिहास का एक काला अध्याय था। उनका बलिदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख मोड़ बन गया।”
We pay homage to the martyrs of Jallianwala Bagh. The coming generations will always remember their indomitable spirit. It was indeed a dark chapter in our nation’s history. Their sacrifice became a major turning point in India’s freedom struggle.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 13, 2025
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लिखा “जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए वीर बलिदानियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। यह नरसंहार एक तानाशाही शासन की क्रूरता का प्रतीक है, जिसे यह देश कभी नहीं भूल सकता। इस अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हमारे वीर शहीदों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को अन्याय के विरुद्ध डट कर लड़ने की प्रेरणा देता रहेगा।”
जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए वीर बलिदानियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
यह नरसंहार एक तानाशाही शासन की क्रूरता का प्रतीक है, जिसे यह देश कभी नहीं भूल सकता। इस अन्याय और अत्याचार के खिलाफ हमारे वीर शहीदों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को अन्याय के विरुद्ध… pic.twitter.com/buAsI4JF5r
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 13, 2025
अमित शाह ने किया शहीदों को नमन
गृहमंत्री अमित शाह ने शहीदों को नमन कर लिखा “जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के स्वतंत्रता संग्राम का वह काला अध्याय है, जिसने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया। अमानवीयता की पराकाष्ठा तक पहुंच चुकी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से देशवासियों में जो रोष उत्पन्न हुआ, उसने आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया। जलियांवाला बाग में शहीद हुए बलिदानियों को नमन करता हूं। देश अमर बलिदानियों को सदा अपनी स्मृतियों में संजोए रखेगा।”
जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के स्वतंत्रता संग्राम का वह काला अध्याय है, जिसने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया। अमानवीयता की पराकाष्ठा तक पहुँच चुकी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से देशवासियों में जो रोष उत्पन्न हुआ, उसने आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया।
जलियांवाला बाग… pic.twitter.com/PHSnm7M2dR
— Amit Shah (@AmitShah) April 13, 2025
जलियांवाला बाग हत्याकांड
जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास में एक दर्दनाक और महत्वपूर्ण घटना है, जो 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुई थी। इस घटना में, ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलीबारी की, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। ब्रिटिश सरकार ने रौलट एक्ट पारित किया, जिसने भारतीयों के अधिकारों को सीमित कर दिया और सरकार को अधिक शक्ति प्रदान की। भारतीयों ने इस एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें जलियांवाला बाग में एक सभा आयोजित की गई थी।
इस घटना में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इस घटना के बाद पूरे देश में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। महात्मा गांधी ने इस घटना के बाद ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू किया। जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने भारतीयों को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एकजुट किया और स्वतंत्रता की लड़ाई को मजबूत किया।