नई दिल्ली: Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के ताज़ा हालात को लेकर भारत और रूस के राष्ट्र प्रमुखों के बीच बातचीत हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 45 मिनट तक फोन पर बात की। इस दौरान नेताओं के बीच अफगानिस्तान के मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बात हुई। दोनों वैश्विक नेताओं के बीच ये बातचीत ऐसे समय में हुई है जब कई देश तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को वहां से सकुशल निकालने के मिशन में जुटे हुए हैं। भारत का भी मिशन जारी है. बता दें कि कल पीएम मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से बात की थी।
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Afghanistan Crisis: काबुल एयरपोर्ट से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन
आपको बता दें कि बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से भी अफगानिस्तान के मसले पर बात की थी। बता दें कि ये सभी देश इस वक्त अफगानिस्तान में जारी संकट पर नज़र बनाए हुए है, साथ ही काबुल एयरपोर्ट से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर भी सभी देशों के बीच सहयोग जारी है।
भारत-रूस सहयोग शामिल
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, “अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम पर अपने दोस्त राष्ट्रपति पुतिन के साथ विस्तृत और उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान किया। हमने द्विपक्षीय एजेंडे के मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें COVID-19 के खिलाफ भारत-रूस सहयोग शामिल है। हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर करीबी परामर्श जारी रखने पर सहमत हुए।”
तालिबान के सामने हथियार नहीं डाले
पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसने तालिबान के सामने हथियार नहीं डाले हैं। कई तालिबान विरोधी पंजशीर में एकत्र हो गये हैं। पंजशीर में जो इकट्ठा हुए हैं, उनमें अपदस्थ सरकार के उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह, जो कार्यवाहक राष्ट्रपति होने का दावा करते हैं, और नार्दन एलायंस मिलिशया के दिवंगत कमांडर के बेटे अहमद मसूद हैं. नार्दन एलायंस ने ही अमेरिका के साथ मिलकर 2001 तालिबान को सत्ता से हटाया था। कलेक्टिव सेक्युरिटी ट्रीटी ऑरगेनाइजेशन में रूस, बेलारूस, कजाखस्तान, आर्मेनिया, किर्गिजस्तान और तजिकिस्तान हैं।