नई दिल्ली : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus Cases in Maharashtra) के बढ़ते मामलों को लेकर अब राज्य की उद्धव सरकार (Uddhav Government) पर सवाल खड़े होने लगे हैं और महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में भी हलचल नज़र आने लगी है। इसी बीच सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर आपसी तालमेल की बात होगी। दरअसल कल राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने अपने प्रेस कांफ्रेंस (Press Conference) में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर कहा था कि हम महाराष्ट्र में डिसिजन मेकर नहीं हैं। माना जा रहा है कि राहुल के इस बयान के बाद से ही महाराष्ट्र में सियासी घमासान मचा हुआ है, जिसको लेकर सीएम उद्धव ने सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है। हालाँकि शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में राज्य की उद्धव सरकार को स्थिर बताया है।
Maharashtra Politics : राहुल के बयान से बढ़ा सियासी घमासान !
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने राज्यपाल बीएस कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) और फिर सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, जिसके बाद से राज्य की राजनीति में हलचल के कयास लगाने जा रहे हैं। राजनीतिक हलचल के कयासों के बीच शिवसेना को सफाई भी देनी पड़ी। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कयासों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए राज्य की उद्धव सरकार को स्थिर बताया। वहीं अब सीएम उद्धव ठाकरे ने सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन की सरकार है।
बीजेपी ने की राष्ट्रपति शासन की मांग, शिवसेना ने किया पलटवार
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर बीजेपी (BJP) ने भी उद्धव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इस मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी है। बीजेपी का कहना है कि राज्य की उद्धव सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को काबू कर पाने में नाकाम साबित हुई है और राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लागू होना चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला है।
सामना के संपादकीय में बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए लिखा गया है कि “महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग करने वालों को गुजरात में ऐसी मांग करनी चाहिए, अगर उनमें हिम्मत है. राज्यपाल को ऐसी विपक्षी पार्टी की खिंचाई करनी चाहिए जो कोरोना पर राजनीति कर रही है। उद्धव सरकार ने छह महीने पूरे कर लिए हैं, ये लोग कह रहे थे कि सरकार 11 दिनों तक नहीं चलेगी।”