Abu Azmi News : महाराष्ट्र (Maharashtra) के सपा विधायक अबू आजमी (Abu Azmi) की मुश्किलें मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने के बाद लगातार बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक बीजेपी और शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया था। साथ ही उनके खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। बुधवार, 5 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Vidhansabha) में निलंबन की कार्यवाही करते हुए उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
अबू आजमी का विवादित बयान
दरअसल सपा नेता अबू आजमी ने कहा था कि “मैं औरंगजेब को एक क्रूर शासक नहीं मानता। वह सिर्फ सत्ता संघर्ष राजनीतिक थे।औरंगजेब की सेना में कई हिंदू थे, जैसे छत्रपति शिवाजी की सेना में कई मुस्लिम थे। उसने तो कई मंदिरों का निर्माण कराया। जो लोग यह दावा करते हैं कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच हिंदू और मुसलमान की लड़ाई थी, वो लोग झूठ बोल रहे हैं।”
वहीं इस विवाद के बढ़ने के बाद अबू आजमी ने भी अपने इस बयान पर माफ़ी भी मांगी। उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा “मैं छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ कुछ भी बोलने की सोच भी नहीं सकता हूं। मैं इतना बड़ा व्यक्ति नहीं हूं। मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है।”
अबू आजमी ने मांगी माफी
उन्होंने कहा कि “मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है। लेकिन अगर फिर भी कोई इस बात से आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।”
महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी का निलंबन पूरे सत्र के लिए किया गया है। अबू आजमी ने अपने निलंबन पर कहा कि “मेरा निलंबन सरकार की मनमानी है, मेरे और मेरे परिवार को जान का आज खतरा बना हुआ है। दो कानून चल रहे है महाराष्ट्र में, अगर महाराष्ट्र में लोकतंत्र ख़त्म हो चूका है तो सरकार जनता के साथ और जनता के चुने हुए प्रतिनिधि के साथ कुछ भी कर सकती है।”
एकनाथ शिंदे ने बयान की निंदा
अबू आजमी के बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि “हम उनके इस तरह के बयान की कड़ी निंदा करते हैं। उन्हें अपने इस तरह के बयान की कीमत चुकानी पड़ेगी। महाराष्ट्र की जनता उन्हें किसी भी कीमत पर माफ नहीं करेगी। उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। हमने उन्हें निलंबित करने की मांग भी रखी है। ऐसा पहली बार नहीं है कि वह औरंगजेब के बारे में अच्छी बातें कह रहे हैं।”
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि “उन्होंने पहले भी छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कुछ आपत्तिजनक बयान दिए थे। जानबूझकर उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान किया। अबू आजमी देशद्रोही हैं. उन्हें इस सदन में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। औरंगजेब ने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक बंदी बनाकर रखा। उनके नाखून और जीभ छीन ली। यहां तक की उन्हें यातना देने के लिए उनके शरीर पर नमक भी डाला।”
“ऊपरी अदालत में जाएंगे” – देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस मामले पर कहा “चाहे अबू आजमी हों या कोई और छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हम इस मामले को जरूरत पड़ी तो ऊपरी अदालत में जाएंगे।”
उद्धव ठाकरे ने बयान की निंदा की
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Udhhav Thakrey) ने कहा कि “किसी को भी राष्ट्रीय नायकों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
अखिलेश यादव ने अबू आजमी का किया समर्थन
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अबू आजमी का समर्थन करते हुए कहा “निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है। आज़ाद ख़्याल कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!”