दिल्लीः मनुस्मृति के कारण हमेशा विवाद होता आ रहा है चाहे वह किसी भी प्रकार से हो आपको बता दें 25 दिसंबर 1927 को डॉ अंबेडकर ने पहली बार मनुस्मृति में दहन का कार्यक्रम किया था। उनका कहना था कि भारतीय समाज में जो कानून चल रहा है। वह मनुस्मृति के आधार पर है। यह एक ब्राम्हण, पुरूष सत्तात्मक, भेदभाव वाला कानून है। इसे खत्म किया जाना चाहिए इसीलिए वे मनुस्मृति का दहन कर रहे हैं। किताबें प्रतीकात्मक रूप से भी जलाई जाती हैं ताकि उस में लिखे गए कंटेंट का विरोध किया जा सके।
सुबह सब से पहले शुरू हुआ #मनुस्मृति_दहन_दिवस लेकिन दोपहर होते-होते मामला कुछ उल्टा पड़ता दिख रहा था
शैलेश पटेल जातिगत विभेद का आरोप लगाते हुए लिखते हैं की हम ईश्वर या किसी प्राकृतिक शक्ति में विश्वास नहीं करते हैं लेकिन समानता का अधिकार हमारा संवैधानिक अधिकार है-
https://twitter.com/shailesh_BBK/status/1342130050246721537?s=20
ट्राइबल आर्मी के संस्थापक हंसराज मीणा ने संविधान की बात करते हुए कहा की देश अब मनुस्मृति से नहीं संविधान से चलेगा।
https://twitter.com/HansrajMeena/status/1342350137742532609?s=20
इसके बाद वे लोग आते हैं जिन्होंने #मनुस्मृति_सर्वश्रेष्ठ_है ट्विट से इसे ट्रेंड कराया।
मध्य प्रदेश भाजपा सह संगठन महामंत्री हितानन्द शर्मा लिखते हैं की मनुस्मृति वह धर्मशास्त्र है जिसकी मान्यता जगविख्यात है।
मनुस्मृति वह धर्मशास्त्र है जिसकी मान्यता जगविख्यात है। न केवल भारत में अपितु विदेश में भी इसके प्रमाणों के आधार पर निर्णय होते रहे हैं और आज भी होते हैं। अतः धर्मशास्त्र के रूप में मनुस्मृति को विश्व की अमूल्य निधि माना जाता है। #मनुस्मृति_सर्वश्रेष्ठ_है
— हितानंद Hitanand ( मोदी का परिवार ) (@HitanandSharma) December 25, 2020
इंदौर से गौरव तिवारी संस्कृत में श्लोक लिखकर बताते हैं की मनुस्मृति में क्या-क्या बात की गयी है-
धृति क्षमा दमोस्तेयं, शौचं इन्द्रियनिग्रहः।
धीर्विद्या सत्यं अक्रोधो, दशकं धर्मलक्षणम् ॥अर्थ – धर्म के दस लक्षण हैं – धैर्य, क्षमा, संयम, चोरी न करना, स्वच्छता, इन्द्रियों को वश में रखना, बुद्धि, विद्या, सत्य और क्रोध न करना (अक्रोध)।#मनुस्मृति_सर्वश्रेष्ठ_है
— Gaurav Tiwari (@gauravtiwarirau) December 25, 2020
गुजरात से आशा नकुम मनुस्मृति के बारे में बताती हैं की यह सर विलियम जोन्स द्वारा 1776 में अंग्रेजी में अनुवादित किए गए पहले संस्कृत ग्रंथों में से एक था।
The Manusmṛiti, is an ancient legal text by king manu which is like rulebook for the citizens of his kingdom.
It was one of the first Sanskrit texts to have been translated into English in 1776, by Sir William Jones.
#मनुस्मृति_सर्वश्रेष्ठ_है pic.twitter.com/oz5wl5Xb61
— Asha Nakum (Modi Ka Parivar) (@AshaNakumBJP) December 25, 2020
कुंवर अजय प्रताप बोलते हैं की मनुस्मृति ने “कर्म प्रधान” बताया है-
https://twitter.com/iSengarAjayy/status/1342484177828999171?s=20
प्रयागराज से विवेक मिश्रा ने लिखा है की धर्म वो प्राण है जिसमें ब्रम्हाण्ड गुथा हुआ है-
https://twitter.com/PrayagrajWale/status/1342540552831598597?s=20
लेकिन इस बार मामला पड़ गया उल्टा हमेशा से किये जाने वाले मनुस्मृति के विरोध पर उसको सर्वश्रेष्ठ बताने वाले भारी पड़ गए।