जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: लोहड़ी का पर्व नजदीक है 13 जनवरी को लोहड़ी मनाई जाएगी। लोहड़ी के दूसरे दिन मकर संक्राति मनाई जाती है। ये त्यौहार सिख समुदाय में धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू भी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। लोहड़ी के दिन गिद्दा और भांगड़ा डांस खास तौर पर किया जाता है। लेकिन इस दिन दुल्ला भट्टी की कहानी भी सुनाई जाती है। जिसके बिना लोहड़ी अधूरी है।
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भारतीय तीज त्यौहारों की खास बात ये है कि इनसे जुड़ी कई कहानियां और उद्देश्य होते हैं। किसी भी व्रत या पर्व पर कहानी सुनाकर ही उसे पूरा किया जाता है। इसी तरह लोहड़ी पर भी दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाई जाती है। कौन हैं दुल्ला भट्टी और क्या है उनकी कहानी जानिए।
लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी की कहानी में कहा जाता है, मुगल शासन के दौरान जब बादशाह अकबर का राज था, उस वक्त पंजाब में दुल्ला भट्टी नाम का एक युवक रहा करता था। एक बार दुल्ला भट्टी ने देखा की कुछ अमीर व्यापारी सामान के बदले में इलाके की लड़कियों का सौदा कर रहे थे। इस पर दुल्ला भट्टी ने वहां पहुंचकर न सिर्फ लड़कियों को उन अमीर व्यापारियों के चंगुल से आजाद कराया था बल्कि बाद में मुक्त कराई गईं सभी लड़कियों की उन्होंने शादी भी करवाई थी। इस घटना के बाद से दुल्ला को भट्टी के नायक की उपाधि से नवाजा गया था। इन्हीं दुल्ला भट्टी की याद में लोहड़ी के दिन कहानी सुनाने की परंपरा चली आ रही है।