Mamata Banerjee का बड़ा फैसला, 12 हजार शरणार्थी बने जमीन के मालिक
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शरणार्थी बस्ती (Refugee colony) की जमीनों को वैध करने का ऐलान किया है। बता दें कि 1971 से इन जमीनों पर शरणार्थी घर बना कर रहे रहे हैं। अबतक ये बस्तियां अवैध (Illegal) थी लेकिन अब इन पर शरणार्थियों का मालिकाना हक होगा।
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने 1971 के बाद राज्य में आए शरणार्थियों पर बड़ा फैसला लिया है। ममता सरकार ने 2 हजार शरणार्थी परिवारों को जमीन का अधिकार देने का फैसला लिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने शरणार्थी बस्तियों की सभी जमीन को नियमित करने का फैसला लिया है, क्योंकि अब एक लंबा समय हो गया है। 1971 से इन लोगों को घर या जमीन के बगैर लटाकाए रखा गया है। मेरा मानना है कि शरणार्थियों के भी अपने अधिकार होते हैं। आपको बता दें कि ममता सरकार पहले ही 94 रिफ्यूजी कॉलोनियों को भी रेग्युलराइज कर चुकी है जो राज्य की जमीन पर बनी हुई हैं। ममता ने कहा है कि अब निजी जमीन और केंद्र सरकार की जमीन पर बनी शरणार्थी बस्तियों को रेग्युलराइज कराने की कोशिश की जाएगी।
Mamata Banerjee केजरीवाल से आगे निकली
अवैध बस्तियों को रेग्युलराइज करने के मामले में ममता बनर्जी दिल्ली के सीएम केजरीवाल से आगे निकल गईं हैं। दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने के मामले में अबतक केजरीवाल सरकार और केंद में आरोप-प्रत्यारोप का ही दौर चल रहा है। केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को वैध करने का ऐलान किया है। अवैध कॉलोनियों के लोग मालिकाना हक के लिए 16 दिसंबर से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। उधर केजरीवाल का कहना है कि रजिस्ट्री होने तक लोग केंद्र सरकार की बातों का भरोसा ना करें। मैं अवैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री कराकर ही दम लूंगा।
दिल्ली में अवैध कॉलोनियों का मुद्दा केंद्र और राज्य के बीच अबतक लटका हुआ है, लेकिन बंगाल में ममता बनर्जी ने बाजी मार ली है। उन्होंने शरणार्थियों की जमीन वैध कर दी है, लेकिन ममता बनर्जी के इस फैसले के बाद NRC को लेकर केंद्र के साथ उनकी लड़ाई भी तेज हो जाएगी।